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जब 1969 में टिकट कटने के बावजूद 6 प्रमुख नेताओं में से किसी ने भी कांग्रेस नहीं छोड़ी

सन 1969 में जिन छह नेताओं के टिकट कटे थे, उनके नाम हैं के.बी. सहाय, महेश प्रसाद सहाय, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, राम लखन सिंह यादव, अंबिका शरण सिंह और राघवेंद्र नारायण सिंह। उपर्युक्त नेताओं के खिलाफ सन 1967 में महामाया प्रसाद सिन्हा के नेतृत्व में बनाई गई संयुक्त मोर्चा सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग बनाया था

Surendra Kishoreअपडेटेड Aug 27, 2025 पर 9:14 PM
जब 1969 में टिकट कटने के बावजूद 6 प्रमुख नेताओं में से किसी ने भी कांग्रेस नहीं छोड़ी
जब 1969 में टिकट कटने के बावजूद 6 प्रमुख नेताओं में से किसी ने भी कांग्रेस नहीं छोड़ी (FILE PHOTO)

थोड़े से अपवादों को छोड़ दें तो आज जिसका भी टिकट कट जाता है, वह दल छोड़ देता है। लेकिन 1969 में कांग्रेस ने बिहार के छह प्रमुख नेताओं के टिकट काट दिए थे, इसके बावजूद उनमें से किसी ने भी पार्टी से विद्रोह नहीं किया था। 1969 में बिहार विधान सभा का मध्यावधि चुनाव हुआ था। ऐसा राज्य में पहली बार हुआ था, जब छह दिग्गज नेता ही चुनावी टिकट से वंचित कर दिए गए, जो पार्टी के बिहार में मुख्य स्तंभ माने जाते थे। इनके टिकट इसलिए कटे, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच चल रही थी।

भले ही उन छह नेताओं पर तब के मापदंड के अनुसार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे थे, पर आज जिन दागी नेताओं को भी कांग्रेस या कुछ अन्य दल भी अपने संगठन में बेहिचक शामिल कर लेते हैं, इनके खिलाफ लगे गंभीर आरोपों के मुकाबले उन छह नेताओं के खिलाफ लगे आरोप काफी हल्के माने जायेंगे।

सन 1969 में जिन छह नेताओं के टिकट कटे थे, उनके नाम हैं के.बी. सहाय, महेश प्रसाद सहाय, सत्येंद्र नारायण सिन्हा, राम लखन सिंह यादव, अंबिका शरण सिंह और राघवेंद्र नारायण सिंह। उपर्युक्त नेताओं के खिलाफ सन 1967 में महामाया प्रसाद सिन्हा के नेतृत्व में बनाई गई संयुक्त मोर्चा सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए न्यायिक जांच आयोग बनाया था।

आयोग के अध्यक्ष थे सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके टी.एल. बेंकटरामा अय्यर थे। अय्यर आयोग ने सन 1970 में अपनी रपट राज्य सरकार को दे दी थी। उन नेताओं के खिलाफ किस तरह के आरोप थे और उनके खिलाफ आयोग ने क्या रपट दी, यह इस लेख का विषय नहीं है। अभी अवसर सिर्फ टिकट कटने की एक बड़ी कहानी कहने का है।

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