थोड़े से अपवादों को छोड़ दें तो आज जिसका भी टिकट कट जाता है, वह दल छोड़ देता है। लेकिन 1969 में कांग्रेस ने बिहार के छह प्रमुख नेताओं के टिकट काट दिए थे, इसके बावजूद उनमें से किसी ने भी पार्टी से विद्रोह नहीं किया था। 1969 में बिहार विधान सभा का मध्यावधि चुनाव हुआ था। ऐसा राज्य में पहली बार हुआ था, जब छह दिग्गज नेता ही चुनावी टिकट से वंचित कर दिए गए, जो पार्टी के बिहार में मुख्य स्तंभ माने जाते थे। इनके टिकट इसलिए कटे, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच चल रही थी।
