लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को स्थानीय जेल से जोधपुर सेंट्रल जेल भेजना सरकार की एक सोच-समझी सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। इसका मकसद लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाकों में लोगों की बड़ी भीड़ जुटने और राजनीतिक अशांति को रोकना है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार की यह रणनीति “अलगाव और नियंत्रण” पर आधारित है। यानी ऐसे नेताओं को उनके इलाके से दूर ले जाकर उनके समर्थकों से संपर्क तोड़ना और सुरक्षा पर सीधा नियंत्रण रखना। वांगचुक हाल ही में लद्दाख में छठी अनुसूची की मांग और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा कर चुके हैं। इसी वजह से उनकी गिरफ्तारी और उन्हें लद्दाख से बाहर भेजने को सरकार एक एहतियाती कदम मान रही है, ताकि विरोध-प्रदर्शन, बंद या पत्थरबाजी जैसी स्थितियां न पैदा हों।