व्रत (उपवास) के दिनों में खाने की चीजें सीमित हो जाती हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि स्वाद या पोषण की कमी हो। ऐसे समय में पारंपरिक विकल्पों में सिंघाड़ा आटा और कुट्टू आटा सबसे ज्यादा पसंद किए जाते हैं। दोनों ही आटे ग्लूटेन-फ्री हैं और शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं, इसलिए व्रत के दौरान कमजोरी नहीं होने देते। सिंघाड़ा जल में उगने वाला फल होता है, और इसका आटा हल्का, ठंडक देने वाला और पचाने में आसान होता है। ये कैल्शियम, पोटैशियम और फाइबर से भरपूर है और शरीर को ठंडक देकर उपवास के दौरान ताजगी बनाए रखता है।