बरसात के मौसम में चाय का मज़ा दोगुना हो जाता है। ठंडी हवा और फुहारों के बीच अगर हाथ में गरमा-गरम चाय का प्याला हो तो दिन बन जाता है। अक्सर लोग कहते हैं कि घर की चाय और टपरी वाली चाय के स्वाद में बहुत फर्क होता है। सड़क किनारे की चाय में जो कड़कपन और खुशबू मिलती है, वही दिल को छू जाती है। इसका कारण होता है चाय बनाने का तरीका और उसमें डाले गए मसालों का सही संतुलन। कई बार घर पर चाय बनाते समय दूध और पानी की मात्रा गड़बड़ हो जाती है या अदरक-इलायची का स्वाद उतना अच्छा नहीं आता।