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दिल्ली चुनाव 2025: बीजेपी ने केजरीवाल नहीं आतिशी को चक्रव्यूह में फंसाया, कालकाजी सीट पर आएंगे चौंकाने वाले नतीजे!

Delhi Assembly Election 2025: कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं को केजरीवाल और आतिशी के सामने उतारकर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने आप के दोनों दिग्गजों को चुनावी रण में फंसाने की कोशिश की है। लेकिन अगर नई दिल्ली सीट पर देखें तो क्या वाकई केजरीवाल के लिए कोई मुश्किल पैदा होने वाली है

Arun Tiwariअपडेटेड Jan 10, 2025 पर 5:34 PM
दिल्ली चुनाव 2025: बीजेपी ने केजरीवाल नहीं आतिशी को चक्रव्यूह में फंसाया, कालकाजी सीट पर आएंगे चौंकाने वाले नतीजे!
दिल्ली चुनाव 2025: बीजेपी ने केजरीवाल नहीं आतिशी को चक्रव्यूह में फंसाया

केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली चुनाव के लिए शनिवार को अपनी लिस्ट जारी कर दी। इस लिस्ट में बीजेपी ने कुल 29 प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। इन 29 सीटों में AAP मुखिया अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की वर्तमान CM आतिशी की सीट भी शामिल हैं। केजरीवाल की नई दिल्ली विधानसभा सीट पर बीजेपी ने पूर्व सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं कालकाजी सीट पर आतिशी के सामने दक्षिणी दिल्ली के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी को उतारा है। कहा जा रहा है कि इन दोनों नेताओं को केजरीवाल और आतिशी के सामने उतारकर बीजेपी ने बड़ा दांव खेला है। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने आप के दोनों दिग्गजों को चुनावी रण में फंसाने की कोशिश की है। लेकिन अगर नई दिल्ली सीट पर देखें तो क्या वाकई केजरीवाल के लिए कोई मुश्किल पैदा होने वाली है?

केजरीवाल साल 2013 से लगातार नई दिल्ली विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं। अन्ना आंदोलन के बाद की ‘सुनामी’ में हुए 2013 के चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को चुनाव हरा दिया था। इसके बाद केजरीवाल 2015 में बीजेपी की नूपुर शर्मा तो 2020 में बीजेपी के सुनील कुमार यादव को चुनाव हरा चुके हैं। लेकिन इन तीनों जीत में केजरीवाल के नाम एक नायाब रिकॉर्ड बन गया है।

50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल कर जीते केजरीवाल

तीनों ही चुनाव के दौरान केजरीवाल को हर बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं। वोटिंग की राजनीति का सामान्य गणित है कि अगर किसी को 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल होते हैं, तो उसे हराना नामुमकिन होता है। नई दिल्ली सीट पर अब तक अरविंद केजरीवाल की स्थिति ऐसी ही रही है। 2013 के चुनाव में कजरीवाल को 53.46 %, 2015 में 64.34%, 2020 में 61.10% वोट हासिल हुए थे। यानी पिछले तीन चुनावों में कोई प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल बराबरी के मुकाबले में भी नहीं ला सका है।

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