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MP Elections 2023: दिग्विजय सिंह को कमलनाथ की तरफ से मिली हुई है पावर ऑफ एटॉर्नी

चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान दो बुजुर्गों के हाथ में है, जहां सीनियर पार्टनर ने अपनी पावर ऑफ अटॉर्नी जूनियर पार्टनर को सौंप दी है, ताकि वह पार्टी के उन कार्यकर्ताओं और नेताओं की नाराजगी का सामना कर सकें, जो इन दोनों बुजुर्ग नेताओं के फैसले के कारण प्रभावित हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (77) अपने सहयोगी दिग्विजय सिंह (76) से महज 4 महीने छोटे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 31, 2023 पर 3:00 PM
MP Elections 2023: दिग्विजय सिंह को कमलनाथ की तरफ से मिली हुई है पावर ऑफ एटॉर्नी
कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का साथ 1980 से है और पिछले चार दशक में राजनीतिक संकट के वक्त ये नेता हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े नजर आए हैं।

चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमान दो बुजुर्गों के हाथ में है, जहां सीनियर पार्टनर ने अपनी पावर ऑफ अटॉर्नी जूनियर पार्टनर को सौंप दी है, ताकि वह पार्टी के उन कार्यकर्ताओं और नेताओं की नाराजगी का सामना कर सकें, जो इन दोनों बुजुर्ग नेताओं के फैसले के कारण प्रभावित हुए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ (77) अपने सहयोगी दिग्विजय सिंह (76) से महज 4 महीने बड़े हैं। पार्टी का घोषणात्र जारी करने के मौके पर कमलनाथ ने भी दिग्विजय सिंह के साथ इस तालमेल की पुष्टि की थी।

कमलनाथ-दिग्विजय सिंह का सदाबहार रिश्ता

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की इस टिप्पणी से पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह टिकट की चाह रखने वाले नाराज समर्थक को टिकट नहीं मिलने पर दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ने को कह रहे थे। इस पर दिग्विजय सिंह ने विनोद भरे अंदाज में कहा कि बेशक उनके पास 'पावर ऑफ एटॉर्नी' है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पार्टी के सभी फैसलों पर कमलनाथ के हस्ताक्षर होते हैं। कांग्रेस के दो बड़े नेताओं के बीच इस हंसी-मजाक की गूंज अब भी चुनाव प्रचार अभियान में बनी हुई है, लेकिन दोनों नेता 'पारिवारिक मामला' बताकर इस पर हंस देते हैं।

कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का साथ 1980 से है और पिछले चार दशक में राजनीतिक संकट के वक्त ये नेता हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े नजर आए हैं। 1993 में दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में कमलनाथ का समर्थन काफी अहम था। दिग्विजय सिंह ने बदले में छिंदवारा के सासंद कमलनाथ को महाकौशल क्षेत्र में 10 साल तक मुख्यमंत्री की तरह ही काम करने की खुली छूट दी।

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