20 नवंबर को संपन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों का इंतजार हर किसी को है, लेकिन उससे पहले ही अलग-अलग मीडिया चैनलों के एग्जिट पोल ने लोगों की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है। ज्यादातर एग्जिट पोल में भले ही BJP की महायुती गठबंधन की वापसी दिख रही है, लेकिन कुछ ऐसे भी सीटें है, जिसपर मुकाबला काफी दिलचस्प नजर आ रहा है। उन्हीं में से एक हैं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का गढ़ नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट।
महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी के रूप में जाना जाने वाला नागपुर पॉलिटिकल सेंटर माना जाता है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों के प्रभुत्व वाला नागपुर हमेशा सुर्खियों में रहा है। नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सीटों में से एक है। यह नागपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के छह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के मौजूदा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पिछले 5 बार से करते आए हैं।
देवेंद्र फडणवीस का गढ़ नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट
नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट बीजेपी के दिग्गज नेता और वर्तमान के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का गढ़ रहा है। फडणवीस ने इसी सीट से 1990 में अपनी राजनीति की शुरूआत की थी। 1997 में वह पहली बार 27 की उम्र में नागपुर के मेयर बने थे। उसके 2 साल बाद ही वह नागपुर पश्चिम से चुनाव जीत कर विधायक बन गए थे। उसके बाद लगातार 2004, 2009, 2014 और 2019 में उन्होंने इस सीट पर अपनी जीत बरकरार रखी है।
2019 और 2014 में ऐसा रहा था मुकाबला
2019 और 2014 में यहां पर BJP और Congress में कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। 2019 में देवेंद्र फडणवीस ने 109,238 वोट पा कर जीत दर्ज की थी, तो वहीं कांग्रेस के आशीष देशमुख को 59,893 वोट मिले थे।
2014 की बात करें, तो देवेंद्र फडणवीस को 2014 में इस सीट से 1,13,918 वोट मिले मीले थे और दूसरे स्थान पर 54,976 वोटों के साथ कांग्रेस के प्रफुल्ल गुडाधे पाटिल रहे थे।
2024 में आसान नहीं है राह
इस बार जहां पहले से ही NCP और शिवसेना में हुए विभाजन की वजह से महाराष्ट्र की जनता में काफी कंफ्यूजन है, तो वहीं लोकसभा चुनाव में जिस तरह बीजेपी का प्रदर्शन रहा है, उससे फडणवीस की राह आसान नहीं लग रही है। फडणवीस को न सिर्फ ये सीट जीतनी है, बल्कि काफी बड़े अंतर से जीतनी है। क्यों कि वह न सिर्फ वहां से लंबे से विधायक है, बल्कि महाराष्ट्र में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे भी। 2019 में वह जहां मुख्यमंत्री थे। वहीं एकनाथ शिंदे का शिवसेना से अलग हो कर सरकार बनाने पर उन्हें एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाना पड़ा था।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस बार कुनबी (मराठा) समाज के प्रफुल्ल गुडाधे पाटिल को उतारा है। पाटिल नागपुर से BJP के पहले विधायक और पूर्व मंत्री विनोद गुडाधे पाटिल के बेटे हैं। यह सीट महिलाओं के वर्चस्व वाली हैं। यहां पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। वहीं इस सीट पर कुनबी समाज का भी काफी गहरा प्रभाव है। अगर कुनबी समाज प्रफुल्ल गुडधे पाटिल के तरफ जाते हैं तो मामला पेचीदा हो सकता है। खैर चुनाव परिणाम 23 को आना है और उस दिन साफ हो जाएगा कि फडणवीस की नैया पार लगती है या नहीं।