महाराष्ट्र की प्रचंड जीत पर खुशियां मना रही बीजेपी के लिए झारखंड के नतीजे हैरान करने वाले हैं। झारखंड ऐसा राज्य है जिसकी जिम्मेदारी बीजेपी ने अपने फायरब्रांड नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के हाथों में सौंपी थी। हिमंता बीजेपी के रणनीतिकार नेताओं में माने जाते हैं और झारखंड में पार्टी को जीत की पूरी उम्मीद थी। जीत का एक और कारण यह भी है कि सन 2000 में झारखंड बनने के बाद अब तक शासन लगभग 14-15 वर्षों तक बीजेपी के हाथ में रहा है। माना जा रहा था कि हेमंत सोरेन की सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का असर होगा और राज्य में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार बनेगी। लेकिन सारी कयासबाजी और प्लान धरे के धरे रह गए। बीजेपी की हार के तीन सबसे अहम कारण दिखते हैं।