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Diwali Puja Shubh Muhurat 2024: दिवाली आज, इस मुहूर्त में करें पूजा, हो जाएंगे मालामाल, जानिए विधि और मंत्र

Diwali 2024 Today Laxmi Pujan Shubh Muhurat Time: देश भर में आज दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। पूरे देश में दिवाली की रौनक देखने को मिल रही है। फूल दुकानों के साथ ही पटाखे के और मिठाईयों की दुकानों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। आइये जानते हैं दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त कितने बजे हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 31, 2024 पर 8:54 AM
Diwali Puja Shubh Muhurat 2024: दिवाली आज, इस मुहूर्त में करें पूजा, हो जाएंगे मालामाल, जानिए विधि और मंत्र
Diwali 2024 Today Laxmi Pujan Shubh Muhurat Time: अमावस्या तिथि आज दोपहर 3.52 बजे शुरू होगी। इसका समापन 1 नवंबर को शाम 6.16 बजे होगा।

दिवाली भारत का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत और ज्ञान पर अज्ञानता की जीत का प्रतीक है। दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाया जाता है। इस दिन पूरे घर पर अंधकार को दूर कर प्रकाश की रोशनी फैलाई जाती है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का त्योहार पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। शुभ मुहूर्त में पूजा करने ही फायदेमंद होता है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी को को साफ-सफाई प्रिय है। मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगहों पर ही होता है।

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष विधान है। इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न और अमावस्या तिथि पर करना सबसे अच्छा होता है। ऐसी मान्यता है प्रदोष काल और स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा और आवहन करने पर माता लक्ष्मी घर पर अंश रूप में ठहर जाती हैं। दिवाली का उत्सव और लक्ष्मी पूजन करना तभी उत्तम रहता है जब प्रदोष से लेकर निशिथा काल तक अमावस्या तिथि रहे।

दिवाली 2024: शुभ मुहूर्त

दिवाली पर महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए सभी मुहूर्त और चौघड़िया के समय को मिलाकर 31 अक्टूबर 2024 को शाम 05.32 बजे से लेकर रात 08.51 बजे तक लक्ष्मी पूजन करना सबसे अच्छा रहेगा। वैदिक पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर प्रदोष काल की शुरुआत शाम 05.48 बजे से शुरू हो जाएगा। यह रात 8.21 बजे तक रहेगा। वहीं स्थिर वृषभ लग्न की शुरुआत शाम 06.35 बजे से लेकर रात 08.33 बजे तक रहेगा।

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