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Rangbhari Ekadashi 2025: कब है रंगभरी एकादशी? जानें इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का महत्व

Rangbhari Ekadashi 2025: रंगभरी एकादशी काशी में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है और इसी दिन से होली उत्सव की शुरुआत होती है। यह पर्व भगवान शिव के माता पार्वती संग विवाह उपरांत पहली बार काशी आगमन का प्रतीक है। 10 मार्च 2025 को मनाए जाने वाले इस पर्व पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा, रंग अर्पण और व्रत कर सुख-समृद्धि की कामना करते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 06, 2025 पर 10:45 AM
Rangbhari Ekadashi 2025: कब है रंगभरी एकादशी? जानें इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का महत्व
Rangbhari Ekadashi 2025: वाराणसी में रंगों का उत्सव कब और कैसे मनाया जाता है?

फाल्गुन शुक्ल एकादशी को काशी में रंगभरी एकादशी के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन भगवान विश्वनाथ (शिव) का भव्य श्रृंगार किया जाता है और काशी में होली के उत्सव का शुभारंभ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह के बाद भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार काशी लेकर आए थे और उन्होंने माता को गुलाल अर्पित किया था। तभी से ये परंपरा चली आ रही है। इस दिन बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने और पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। रंगभरी एकादशी से ही वाराणसी में रंगों का त्योहार प्रारंभ हो जाता है, जो अगले छह दिनों तक चलता है।

इस वर्ष, रंगभरी एकादशी का व्रत सोमवार, 10 मार्च 2025 को रखा जाएगा। इस शुभ अवसर पर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

रंगभरी एकादशी 2025: तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल एकादशी तिथि का प्रारंभ रविवार, 9 मार्च को सुबह 7:45 बजे होगा और ये सोमवार, 10 मार्च को सुबह 7:44 बजे समाप्त होगी। चूंकि एकादशी व्रत को उदयातिथि के आधार पर रखा जाता है, इसलिए इस वर्ष रंगभरी एकादशी का व्रत और उत्सव 10 मार्च को मनाया जाएगा।

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