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BharatPe Vs PhonePe: भारतपे और फोनपे ने सुलझाया बड़ा विवाद, 'Pe' के इस्तेमाल पर हुआ समझौता

BharatPe और PhonePe के बयान के अनुसार अगले कदम के रूप में पार्टियों ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में एक-दूसरे के खिलाफ सभी विरोधों को वापस लेने के लिए पहले ही कदम उठा लिया है, जिससे उन्हें अपने संबंधित ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन के साथ बढ़ने में मदद मिलेगी

MoneyControl Newsअपडेटेड May 26, 2024 पर 4:53 PM
BharatPe Vs PhonePe: भारतपे और फोनपे ने सुलझाया बड़ा विवाद, 'Pe' के इस्तेमाल पर हुआ समझौता
डिजिटल पेमेंट कंपनियों भारतपे ग्रुप और फोनपे ग्रुप ने ‘Pe’ के इस्तेमाल को लेकर चल रहे कानूनी विवाद को सुलझा लिया है।

डिजिटल पेमेंट कंपनियों भारतपे ग्रुप (BharatPe) और फोनपे ग्रुप (PhonePe) ने ‘Pe’ के इस्तेमाल को लेकर चल रहे कानूनी विवाद को सुलझा लिया है। दोनों कंपनियों के बीच इसे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। अब दोनों कंपनियों ने संयुक्त बयान में जानकारी दी है कि इसे उन्होंने सुलझाकर आगे बिजनेस पर ध्यान देने का फैसला किया है। बयान के अनुसार भारतपे और फोनपे पिछले पांच सालों के दौरान कई अदालतों में लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवादों में रही हैं। यह समझौता सभी ओपन ज्यूडिशियल प्रोसीडिंग्स को समाप्त कर देगा। बयान में कहा गया कि भारतपे और फोनपे ने लंबे समय से चले आ रहे सभी ट्रेडमार्क विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया।

BharatPe और PhonePe का संयुक्त बयान

दोनों कंपनियों के बयान के अनुसार अगले कदम के रूप में पार्टियों ने ट्रेडमार्क रजिस्ट्री में एक-दूसरे के खिलाफ सभी विरोधों को वापस लेने के लिए पहले ही कदम उठा लिया है, जिससे उन्हें अपने संबंधित ट्रेडमार्क के रजिस्ट्रेशन के साथ बढ़ने में मदद मिलेगी।

भारतपे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा, "यह इंडस्ट्री के लिए एक पॉजिटिव कदम है। मैं दोनों पक्षों के मैनेजमेंट द्वारा दिखाई गई मैच्योरिटी और प्रोफेशनलिज्म की सराहना करता हूं, जो सभी बकाया कानूनी मुद्दों को हल करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं और मजबूत डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम के निर्माण में अपनी एनर्जी और रिसोर्सेज पर फोकस करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।"

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