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NMC Group fraud case : यूके कोर्ट लौटे बी आर शेट्टी, क्या रद्द करा पाएंगे 1 अरब डॉलर का फ्रीजिंग ऑर्डर

मिडिल ईस्ट की सबसे बड़ी हैल्थकेयर कंपनी एनएमसी ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों ने कहा- फ्रॉड के दावे के लिए इंग्लैंड नहीं यूएई उचित फोरम है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 05, 2021 पर 7:00 PM
NMC Group fraud case : यूके कोर्ट लौटे बी आर शेट्टी, क्या रद्द करा पाएंगे 1 अरब डॉलर का फ्रीजिंग ऑर्डर
b. r. shetty

दिसंबर, 2020 में लंदन हाई कोर्ट ने अबूधाबी कमर्शियल बैंक (एडीसीबी) के एक अनुरोध पर एनएमसी ग्रुप के फाउंडर डॉ. बी. आर. शेट्टी और उनके पांच प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ वर्ल्डवाइड फ्रीजिंग ऑर्डर (freezing order) जारी कर दिया था। एडीसीबी, एनएमसी ग्रुप की सबसे बड़ी लेनदार है। जस्टिस सिमोन ब्रायन ने एसेट्स को गायब करने सहित अन्य संभावित कारणों से फ्रीजिंग ऑर्डर जारी किया है। ब्रिटेन में एक सिविल कोर्ट द्वारा दिया जाने वाला फ्रीजिंग ऑर्डर एक व्यक्ति को बैंक या अन्य स्रोतों से पैसे निकालने पर रोक लगाता है।

इस आदेश के एक साल बाद, डॉ. बी. आर. शेट्टी और अन्य 1 अरब डॉलर के फ्रीजिंग ऑर्डर को रद्द कराने के लिए यूके की कोर्ट में लौट आए हैं। उन्होंने कोर्ट से यह भी कहा कि बैंक द्ववारा किए गए धोखाधड़ी के दावे की सुनवाई यूएई में होनी चाहिए, न कि इंग्लैंड में।

इस तरह, डॉ. शेट्टी, विजय माल्या और प्रमोद मित्तल की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जो लंदन में उनके लेनदारों द्वारा की गई कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। इत्तिफाक से माल्या और मित्तल दोनों को यूके की अदालतें दिवालिया घोषित कर चुकी हैं।

बड़ी कानूनी जंग की दिखी झलक

इस मामले में 29 नवंबर, 2021 को जज मार्क पेलिंग के सामने चार दिवसीय वर्चुअल सुनवाई शुरू हुई, जिसमें डॉ. शेट्टी के वकीलों, यूएई के चर्चित कारोबारी खलीफा-अल-मुहाइरी बुट्टी व सईद अल-किबैसी बुट्टी जो एनएमसी में प्रमुख शेयरधारक और डायरेक्टर हैं और पूर्व सीईओ व डायरेक्टर प्रशांत मंगत अपने प्रस्तुतीकरण दिए। इसके साथ ही आगे एक बड़ी, जटिल और बहुआयामी कानूनी जंग झलक दिखाई दी।

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