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Budget 2022 expectations : होम लोन के प्रिंसिपल और इंटरेस्ट पर बढ़े टैक्स बेनिफिट

पिछली बार सेक्शन 80सी (1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष) की डिडक्शन लिमिट में बढ़ोतरी 2014 में की गई थी और अब इसमें फिर से बढ़ोतरी जरूरी हो गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 27, 2021 पर 4:04 PM
Budget 2022 expectations : होम लोन के प्रिंसिपल और इंटरेस्ट पर बढ़े टैक्स बेनिफिट
हाउसिंग सेक्टर को बजट, 2022 से कई उम्मीदें हैं

Budget 2022 expectations : वर्तमान में रियल एस्टेट मार्केट प्रॉपर्टी खरीदारों के पक्ष में नजर आता है। इसकी वजह कीमतें हैं, जो कई साल से स्थिर बनी हुई हैं और होमलोन की इंटरेस्ट रेट भी दशकों के निचले स्तर पर हैं और हाउसिंग के कई ऑप्शंस उपलब्ध हैं। हालांकि, अगर आगामी आम बजट, 2022 (Union Budget 2022) में टैक्स रियायतें बढ़ाई जाएं तो घरों की डिमांड बढ़ाने में खासी मदद मिल सकती है। बजट से उम्मीदें इस प्रकार हैं...

होम लोन प्रिंसिपल रिपेमेंट के लिए अलग डिडक्शन

Home loan principal repayment : होम लोन प्रिंसिपल रिपेमेंट का इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन होता है। होम लोन के अलावा, कई अन्य इनवेस्टमेंट और खर्च का 80सी के तहत डिडक्शन होता है जिसकी अपर लिमिट 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है। इस लिमिट को लंबे समय से बढ़ाया नहीं गया है और उम्मीद है कि इसमें इस साल बढ़ोतरी की जाएगी। एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “पर्सनल टैक्स में राहत का होम बायर्स द्वारा स्वागत किया जाएगा, चाहे यह टैक्स रेट्स में कटौती के द्वारा हो या टैक्स स्लैब्स में समायोजन के रूप में हो। पिछली बार सेक्शन 80सी (1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष) की डिडक्शन लिमिट में बढ़ोतरी 2014 में की गई थी और अब बढ़ोतरी जरूरी हो गई है।”

कई अन्य की राय है कि होम लोन प्रिंसिपल रिपेमेंट में डिडक्शन के लिए एक अलग सेक्शन पेश किया जाना चाहिए। स्क्वायर यार्ड्स की कोफाउंडर और सीओओ कनिका गुप्ता शोरी कहती हैं, “सरकार को होम लोन के प्रिंसिपल पेमेंट पर 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये के एक अलग डिडक्शन को अनुमति देनी चाहिए।” सेक्शन 80सी के तहत पीएफ, पीपीएफ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज सहित कई इनवेस्टमेंट/ खर्च आ जाते हैं, जिससे मिडिल क्लास टैक्सपेयर्स के पास एक प्रॉपर्टी में वास्तविक निवेश पर डिडक्शन हासिल करने की गुंजाइश ही नहीं बचती है।

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