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Budget 2022: रोजगार के मोर्चे पर युवाओं की उम्मीद पर कितना खरा उतरेगा बजट 2022-23?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन 2022-23 के बजट में मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, रिटेल और हेल्थकेयर सेक्टरों पर खास ध्यान देना चाहिए क्योंकि मैकेंजी का अनुमान है कि सिर्फ ये 6 सेक्टर ही 2030 तक भारतीय जीडीपी में 6 लाख करोड़ डॉलर जोड़ सकते हैं

Bhuwan Bhaskarअपडेटेड Jan 17, 2022 पर 11:33 AM
Budget 2022: रोजगार के मोर्चे पर युवाओं की उम्मीद पर कितना खरा उतरेगा बजट 2022-23?
जनवरी 2020 में देश में बेरोजगारी दर जो 7.2% थी, वह मार्च और अप्रैल महीनों में बढ़कर क्रमशः 23.5% और 22% पर पहुंच गई

भुवन भास्कर

रोजगार भारत में सिर्फ सामाजिक-आर्थिक ही नहीं, एक राजनीतिक मुद्दा भी है और इसलिए लगभग हर चुनाव, चाहे वो राज्यों के हों या फिर राष्ट्रीय- में रोजगार एक चुनावी मुद्दा भी होता है। ऐसे में जब भारत के लोकसभा चुनावों में सिर्फ 2 वर्षों का समय बाकी बचा है, यह स्वाभाविक ही है 2022-23 के लिए पेश होने जा रहे आम बजट में वित्त मंत्री रोजगार पैदा करने पर विशेष ध्यान दें। विशेष तौर पर तब जब 2014 लोकसभा चुनावों से पहले किए गये अपने उस वादे के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर विपक्षी दलों के निशाने पर रहते हैं, जिसमें उन्होंने युवाओं के लिए 1 करोड़ रोजगार पैदा करने का वादा किया था।

हालांकि रोजगार सृजन पर सरकार के अपने दावे हैं और वे कितने भी सही या गलत हों, उससे इस सच्चाई पर कोई असर नहीं पड़ता है कि इस समय देश जिस मोड़ पर खड़ा है, वहां किसी भी सरकार के लिए रोजगार सृजन शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए। इसके दो कारण हैं। पहला, कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में अर्थव्यवस्था का पटरी से उतरना है, जिसके कारण एक बहुत बड़ा वर्कफोर्स बाजार से बाहर हुआ है।

आंकड़ों की जुबानी बात करें तो जनवरी 2020 में देश में बेरोजगारी दर जो 7.2% थी, वह मार्च और अप्रैल महीनों में बढ़कर क्रमशः 23.5% और 22% पर पहुंच गई। बाद के महीनों में यह हालांकि वापस 6-7% के दायरे में लौटी, लेकिन दिसंबर 2020 में इसने फिर 9% का स्तर पार किया और मई-जून 2021 में जब कोविड का दूसरा दौर आया तो यह लगभग 12% तक पहुंच गई।

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