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Budget 2023: शेयर बाजार में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री उठा सकती हैं बड़े कदम

Budget 2023: शेयर मार्केट में लोगों की दिलचस्पी धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसकी रफ्तार तेज करने की जरूरत है। शेयर बाजार में घरेलू निवेश बढ़ने से विदेशी निवेशकों (FPI) पर हमारी निर्भरता करेगी। सरकार इसके लिए बजट 2023 में उपायों का ऐलान कर सकती है

Translated By: Rakesh Ranjanअपडेटेड Jan 27, 2023 पर 12:37 PM
Budget 2023: शेयर बाजार में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री उठा सकती हैं बड़े कदम
इंडिया में लोग बैंक डिपॉजिट जैसे पारंपरिक फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते आ रहे हैं। हालांकि, धीरे-धीरे ट्रेंड बदल रहा है। अब लोग कैपिटल प्रोडक्ट्स प्रोडक्ट्स में भी निवेश करने लगे हैं।

जीजू विद्याधरन

Budget 2023: सरकार परिवार की बचत (Household Savings) का पैसा शेयर बाजार में लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर सकती है। इसके लिए वह यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) में बड़े ऐलान कर सकती है। पिछले कुछ सालों में बड़ी संख्या में लोग अपनी बचत के पैसे को सोने, चांदी, मकान और जमीन की जगह म्यूचुअल फंड्स जैसे फाइनेंशियल एसेट्स में लगा रहे हैं। RBI के मुताबिक, इनवेस्टमेंट में फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में बढ़कर 52 फीसदी पहुंच गई है। फाइनेंशियल ईयर 2015-16 यह 45 फीसदी थी। इस दौरान इनवेस्टमेंट में फिजिकल प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 55 फीसदी से घटकर 48 फीसदी पर आ गई है। म्यूचुअल फंड्स इसका एक अच्छा उदाहरण है। मार्च 2022 में म्यूचुअल फंड्स में निवेश में पारिवारिक बचत की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी पहुंच गई। जून 2018 में यह 7 फीसदी थी। सरकार को इस ट्रेंड को बढ़ाने के उपाय करने की जरूरत है। यह इनवेस्टर्स के साथ ही सरकार के लिए भी फायदेमंद होगा।

ग्लोबल इकोनॉमी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने के बावजूद डोमेस्टिक इनवेस्टमेंट इंडस्ट्री की ग्रोथ अच्छी रही है। एसेट अंडर कस्टडी (AUC) के लिहाज से डोमेस्टिक इनवेस्टमेंट इंडस्ट्री की कुल होल्डिंग 135 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है। इसके मुकाबले विदेशी निवेशकों का निवेश (FPI) सिर्फ 51 लाख करोड़ रुपये है। यही वजह है कि विदेशी निवेशकों के अपने पैसे निकालने का ज्यादा असर इंडियन मार्केट्स पर नहीं पड़ा।

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