टी राजकुमार
टी राजकुमार
Budget 2023: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के अगले यूनियन बजट (Union Budget 2023-24) से टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री को बहुत उम्मीदें हैं। यह देश में सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली इंडस्ट्री में शामिल है। अब कपड़ा इंडस्ट्री टेक्सटाइल या क्लोदिंग मैन्युफैक्चरिंग तक सीमित नहीं है। यह एनवायरमेंट फ्रेंडली बनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहती है। फाइनेंस मिनिस्टर के उपायों से इंडस्ट्री और एनवायरमेंट को फायदा होगा। साथ ही इंडस्ट्री में रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। वित्त मंत्री 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट पेश करेंगी। वह बजट में टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री के लिए निम्नलिखित उपायों का ऐलान कर सकती हैं:
1. टेक्सटाइल वैल्यू चेन में नई तकनीक को प्रमोट किया जाए
आने वाले सालों में यूके, यूरोपियन यूनियन और USA जैसे पश्चिमी बाजारों में टेक्सटाइल और अपैरेल (T & A) प्रोडक्ट्स के निर्यात के लिए मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। अभी इसके लिए भारत में सीमित टेक्नोलॉजी उपलब्ध है। टेक्सटाइस इंडस्ट्री चाहती है कि आधुनिक तकनीक देश में लाई जाए। इससे पानी और बिजली की खपत कम होगी, खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल घटेगा। सरकार को नई तकनीक और टेक्सटाइल वैल्यू चेन पर रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए ज्यादा फंड आवंटित करना चाहिए।
2. टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (TUFS)
सरकार को टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए 7,700 करोड़ रुपये आवंटित करना चाहिए। TUFS के तहत 40,000 से अधिक मामले अटके हुए हैं। 15 अगस्त 2022 तक 14,390 एटीयूएफएस यूआईडी के जारी मामलों में से केवल 5,269 मामलों में ही क्लेम हो पाया था। इंडस्ट्री टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन में लगने वाले समय से परेशान है। कारोबारी पहले से ही कपास की कीमत और सप्लाई के बीच अंतर से परेशान हैं। इंडस्ट्री यूरोपीय संघ, USA जैसे प्रमुख कपड़ा बाजारों से खराब मांग के कारण मुश्किल दौर से गुजर रही है। ऐसे में सरकार से मदद की उम्मीद है।
3. नेशनल टेक्सटाइल फंड
कपड़ा मंत्रालय एक नेशनल टेक्सटाइल फंड बनाने पर विचार कर रहा है। इसका मकसद टेक्सटाइल और क्लोदिंग इंडस्ट्री के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए फंड बनाना है। इस फंड की मदद से PPP मोड के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर पर पैसा खर्च किया जाएगा। इससे सरकार के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी।
4. कच्चे कपास खरीदने के लिए वर्किंग कैपिटल में मिले मदद
सरकार कपास के लिए अंतरराष्ट्रीय स्टेटस पाने के लिए फंड आवंटित कर सकती है। सरकार ने फरवरी 2007 में आवश्यक वस्तु अधिनियम से कपास को हटा दिया था। इसने न केवल किसानों और इंडस्ट्री को बल्कि भारतीय कपास निगम (CCI) पर भी असर पड़ा। इस समस्या से निपटने के लिए सरकार कपास मूल्य प्राइस स्थिरता फंड (Cotton Price Stabilization Fund) बनाने की योजना पर विचार कर सकती है। इसमें 5% इंटरेस्ट सबवेंशन, मार्जिन मनी को 25% से घटाकर 5% और क्रेडिट लिमिट को तीन महीने से बढ़ाकर 9 महीना किया जा सकता है।
(टी राजकुमार कनफेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री (CITI) के चेयरमैन हैं)
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।