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Budget 2024 : फिस्कल कंसॉलिडेशन पर फोकस के चलते पूंजीगत खर्च ज्यादा बढ़ाने की गुंजाइश नहीं होगी

Budget 2024 : सरकार ने कोरोना की महमारी के बाद इकोनॉमिक ग्रोथ तेज करने के लिए अपना पूंजीगत खर्च काफी बढ़ाया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 3.4 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023-24 में 10 लाख करोड़ पहुंच गया है। यह इस दौरान पूंजीगत खर्च में सालाना 31 फीसदी की ग्रोथ है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 16, 2024 पर 5:50 PM
Budget 2024 : फिस्कल कंसॉलिडेशन पर फोकस के चलते पूंजीगत खर्च ज्यादा बढ़ाने की गुंजाइश नहीं होगी
Budget 2024 : पूंजीगत खर्च में कमी करने का असर कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी की ग्रोथ पर पड़ेगा। अगर सरकार पूंजीगत खर्च के लिए पर्याप्त आवंटन करती है तो इंफ्रास्ट्रक्चर के उन प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिन पर पहले से काम चल रहा है।

Budget 2024 : अंतरिम बजट अच्छे घरेलू माहौल में पेश होने जा रहा है। NSO ने वित्त वर्ष 2023-24 में जीडीपी की ग्रोथ 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि इस बार Interim Budget पेश होने की वजह से बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है। यह सच है। आम तौर पर सरकार अंतरिम बजट में बड़े ऐलान नहीं करती है। लेकिन, अंतरिम बजट में सरकार के मंत्रालयों के लिए पैसे का आवंटन शामिल होगा। इस पर करीबी नजरें होंगी, क्योंकि इससे जुलाई में आने वाले पूर्ण बजट के बारे में कुछ अंदाजा मिल सकता है। सरकार ने कोरोना की महमारी के बाद इकोनॉमिक ग्रोथ तेज करने के लिए अपना पूंजीगत खर्च काफी बढ़ाया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह वित्त वर्ष 2019-20 में सिर्फ 3.4 लाख करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023-24 में 10 लाख करोड़ पहुंच गया है। यह इस दौरान पूंजीगत खर्च में सालाना 31 फीसदी की ग्रोथ है।

Budget 2024 : पूंजीगत खर्च पर सरकार का फोकस

इंफ्रास्ट्रक्चर पर पूंजीगत खर्च बढ़ा है। शहरों में घरों की मांग बढ़ने से कंस्ट्रक्शन क्षेत्र को मजबूती मिली है। इससे कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल होने वाले चीजों की मांग भी बढ़ी है। इनमें स्टील, सीमेंट सहित कई चीजें शामिल हैं। ऐसे में उम्मीद है कि अंतरिम बजट में पूंजीगत खर्च पर सरकार का फोकस बना रहेगा। इसकी वजह यह है कि सरकार जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार तेज बनाए रखना चाहती है। हालांकि, यह फैसला काफी हद तक सरकार के फिस्कल कंसॉलिडेशन के प्लान पर निर्भर करेगा। सरकार ने सोशल सेक्टर स्कीम को लेकर अपनी रणनीति बदली है। वह सिर्फ ऐसे वर्गों के लिए स्कीम शुरू करना चाहती है, जिसे इसकी जरूरत है।

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