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Economic Survey 2022: इकोनॉमिक सर्वे आज पेश किया जाएगा, जानिए इस बार क्यों खास है सर्वे

इकोनॉमिक सर्वे में ग्रोथ के रास्ते में आने वाली बाधाओं और उनके समाधान का जिक्र होता है। हर साल इसे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 31, 2022 पर 12:50 AM
Economic Survey 2022: इकोनॉमिक सर्वे आज पेश किया जाएगा, जानिए इस बार क्यों खास है सर्वे
इस बार का इकोनॉमिक सर्वे सिर्फ एक वॉल्यूम का हो सकता है। इसका मतलब है कि इसमें सिर्फ चालू वित्त वर्ष के अलग अलग सेक्टर के डेटा होंगे। इसमें अर्थव्यवस्था की तेज ग्रोथ के रास्ते की बाधाओं के समाधान का व्यापक रास्ता नहीं होगा।

इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey 2022) 31 जनवरी को आएगा। इस बार इसके सिंगल वॉल्यूम में आने की उम्मीद है। इकोनॉमिक सर्वे आम तौर पर बजट से ठीक एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे संसद में पेश करेंगी। इस बार का सर्वे इस मायने में खास है कि इसे चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (CEA) की गैरमौजूदगी में तैयार किया जा रहा है। सीईए केवी सुब्रमण्यन का कार्यकाल पिछले साल 6 दिसंबर को खत्म हो गया। तीन साल तक इस पद पर रहने के बाद उन्होंने फिर से एजुकेशन के क्षेत्र में लौटने का फैसला किया है।

इस बार का इकोनॉमिक सर्वे सिर्फ एक वॉल्यूम का हो सकता है। इसका मतलब है कि इसमें सिर्फ चालू वित्त वर्ष के अलग-अलग सेक्टर के डेटा होंगे। इसमें अर्थव्यवस्था की तेज ग्रोथ के रास्ते की बाधाओं के समाधान का व्यापक रास्ता नहीं होगा। आम तौर पर इकोनॉमिक सर्वे में ग्रोथ के रास्ते में आने वाली बाधाओं और उनके समाधान का जिक्र होता है। सुब्रमण्यन का कार्यकाल खत्म होने के बाद सरकार ने नए सीईओ की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन, अब तक नई नियुक्ति नहीं हो सकी है।

सीईए की गैरमौजूदगी में इकोनॉमिक सर्वे तैयार करने का काम प्रिसिंपल इकोनॉमिक एडवाइजर और फाइनेंस मिनिस्ट्री के दूसरे अधिकारियों के जिम्मे है। फाइनेंस मिनिस्ट्री में सीईओ का दर्जा सेक्रेटरी के बराबर का होता है। इससे पहले भी सीईओ की गौरमौजूदगी में इकोनॉमिक सर्वे तैयार होने की मिसाल है। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के पहले साल के इकोनॉमिक सर्वे को भी सीईओ की गैरमौजूदगी में तैयार किया गया था। तब सीईओ का पद खाली था। रघुराम राजन को आरबीआई का गवर्नर नियुक्त कर देने से सीईए का पद खाली हो गया था।

उम्मीद है इकोनॉमिक सर्वे में चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 9.2 फीसदी रहने का अनुमान शामिल होगा। यह आरबीआई के 9.5 फीसदी की ग्रोथ के अनुमान से थोड़ा कम है। हालांकि, यह पिछले वित्त वर्ष इकोनॉमी के प्रदर्शन के मुकाबले काफी बेहतर है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में 7.3 फीसदी गिरावट आई थी। इसकी वजह कोरोना की महामारी का इकोनॉमी पर असर था। सरकार ने महमारी को काबू में करने के लिए लॉकडाउन लगा दिया था। इससे आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से थम गई थीं।

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