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Flipkart के नए नियम से परेशान सेलर्स, लगाया FDI पॉलिसी के उल्लंघन का आरोप

Flipkart News: पिछले महीने फ्लिपकार्ट ने सेटलमेंट ट्रांसपैरेंसी बढ़ाने के नाम पर अपनी पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया था और यह चार कंपोनेंट्स (फिक्स्ड, कमीशन, कलेक्शन, शिपिंग) से दो कंपोनेंट्स (फिक्स्ड और कमीशन पर शिफ्ट हुई थी। अब इसी पॉलिसी को लेकर छोटे सेलर्स परेशान हैं। उनका आरोप है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पॉलिसी का उल्लंघन हो रहा है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jun 27, 2024 पर 1:33 PM
Flipkart के नए नियम से परेशान सेलर्स, लगाया FDI पॉलिसी के उल्लंघन का आरोप
Flipkart News: पिछले एक महीने से फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म पर सेलर्स कीमतों में बदलाव नहीं कर पा रहे हैं।

Flipkart News: पिछले एक महीने से फ्लिपकार्ट के प्लेटफॉर्म पर सेलर्स कीमतों में बदलाव नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह ये है कि वालमार्ट के मालिकाना हक वाली इस ई-कॉमर्स कंपनी ने मई में कमीशन के रेट कार्ड में बदलाव किया था। मनीकंट्रोल से बातचीत में कई सेलर्स ने फ्लिपकार्ट पर ई-कॉमर्स के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से जुड़ी नीतियों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि फ्लिपकार्ट का यह फैसला प्रतिस्पर्धा विरोधी है और यह छोटे सेलर्स के लिए नुकसान वाला है। ट्रेड यूनियन लीडर प्रवीण खंडेलवाल का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियां तो सिर्फ बायर्स और सेलर्स के बीच की कड़ी हैं और वे कीमतों में बदलाव को नियंत्रित नहीं कर सकती हैं। वे सेलर्स को अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में बदलाव से नहीं रोक सकती हैं।

क्या है पूरा मामला

पिछले महीने फ्लिपकार्ट ने सेटलमेंट ट्रांसपैरेंसी बढ़ाने के नाम पर अपनी पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया था और यह चार कंपोनेंट्स (फिक्स्ड, कमीशन, कलेक्शन, शिपिंग) से दो कंपोनेंट्स (फिक्स्ड और कमीशन पर शिफ्ट हुई थी। सेलर्स का कहना है कि इसके बाद 18 मई से उन्हें कीमतों में बदलाव करने से रोक दिया गया। उनका आरोप है कि फ्लिपकार्ट ने उन्हें नए रेट कार्ड के हिसाब से दाम भी एडजस्ट नहीं करने दिया और यह भी नहीं चेक करने दिया कि क्या वह कम कमीशन का फायदा अपने ग्राहकों को दे सकते हैं या नहीं।

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