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दिवालिया हो रही FTX को चला रहा था भारतीय मूल का एक शख्स, नई जॉब के लिए छोड़ा था Facebook में ड्रीम जॉब, अब चल रही जांच

दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सेंजों में शुमार FTX ढह चुका है। इसका विशाल साम्राज्य तैयार करने में सैम बैंकमैन-फ्रॉयड (Sam Bankman-Fried) की टीम में एक भारतीय का भी हाथ था

अपडेटेड Nov 15, 2022 पर 4:06 PM
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निषाद सिंह ने करीब पांच साल पहले दिसंबर 2017 में एफटीएक्स की सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन अलामेडा रिसर्च को ज्वाइन किया था।

दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सेंजों में शुमार FTX ढह चुका है। इसका विशाल साम्राज्य तैयार करने में सैम बैंकमैन-फ्रॉयड (Sam Bankman-Fried) की टीम में एक भारतीय का भी हाथ था। फेसबुक (Facebook) में भी काम कर चुके भारतीय मूल के एक शख्स निषाद सिंह (Nishad Singh) ने बहामास के इस क्रिप्टो एक्सचेंज में बड़ी भूमिका निभाई थी। कॉइनडेस्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक वह 30 वर्षीय बैंकमैन-फ्रॉयड के नौ लोगों की टीम में शुमार थे। यह ग्रुप बहामास में रहकर साथ काम करता था, जहां से एफटीएक्स को चलाया जाता था। इस ग्रुप में अलामेडा के सीईओ कैरोलिन एलिजन (Caroline Ellison) और सीटीओ गैरी वांग (Gary Wang) भी थे।

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Nishad Singh का ऐसा रहा है कैरियर


निषाद सिंह ने करीब पांच साल पहले दिसंबर 2017 में एफटीएक्स की सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन अलामेडा रिसर्च को ज्वाइन किया था। निषाद के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक उसने कैलिफोर्निया के क्रिस्टल स्प्रिंग्स उपलैंड्स स्कूल से पढ़ाई की है। इसके बाद निषाद ने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस से 2017 में बैचलर डिग्री हासिल किया। अलामेडा रिसर्च को ज्वाइन करने से पहले निषाद ने फेसबुक में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम किया था।

वर्ष 2020 में एफटीएक्स के एक पॉडकास्ट में निषाद ने बताया कि उन्होंने बैंकमैन-फ्रॉयड से मिलने के बाद फेसबुक की ड्रीम जॉब छोड़कर अलामेडा रिसर्च कैसे ज्वाइन किया। निषाद ने कहा कि एक अपार्टमेंट में वह बैंकमैन-फ्रॉयड के साथ थे और वहां पांच लोग और थे, जब वे लोग कुछ बड़ा करने की योजना तैयार कर रहे थे। सिंह के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक उसने एफटीएक्स में अप्रैल 2019 में डायरेक्टर ऑफ इंजीनियरिंग का पद संभाला। अब निषाद की एफटीएक्स में भूमिका को लेकर जांच हो रही है और इसमें नेपोटिज्म और हितों के टकराव का एंगल भी है।

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'बच्चों का गैंग' चला रहा था क्रिप्टो एक्सचेंज

कॉइनडेस्क से इस पूरे मामले के जानकार एक शख्स ने कहा कि यह पूरा काम बहामास में बच्चों का एक गैंग चला रहा था। शख्स के मुताबिक गैरी, निषाद और सैम का कोड, एक्सचेंज के मैचिंग इंजन और फंड्स पर कंट्रोल था। उसने ये भी कहा कि अगर इन लोगों ने पैसों को इधर-उधर किया या वहां अपने नंबर डाल देते तो यह निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि किसी का ध्यान इस पर जाता।

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क्या है पूरा मामला

एफटीएक्स दिवालिया होने की कगार पर है। इस दौरान एफटीएक्स और अलामेडा रिसर्च के बीच संबंधों को लेकर सवाल खड़े हुए। अलामेडा रिसर्च एक ट्रेडिंग हाउस है और इस पर भी बैंकमैन-फ्रायड का मालिकाना हक है। स्पेशलिस्ट मीडिया साइट कॉइनडेस्क की रिपोर्ट के मुताबिक अलामेडा के बैलेंस शीट में 40 फीसदी एफटीएक्स का एफटीटी टोकन्स है। क्रिप्टो एक्सपर्ट्स ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं।

इंवेस्टमेंट एडवाइजर्स Invezz में डेटा एनालिस्ट डैन ऐशमोर के मुताबिक एफटीटी एक टोकन है और बैंकमैन-फ्रॉयड को दोनों कंपनियों पर मालिकाना हक है जो पूरी तरह से हितों के टकराव का मामला है। एफटीएक्स को वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए और दिवालिया होने से बचने के लिए करीब 80 लाख डॉलर की जरूरत है। पहले बाईनेंस इसे खरीदने वाली थी लेकिन मंगलवार को इसने सौदे पर आगे बढ़ने से इनकार कर दिया।

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