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Paytm और कर्मचारियों के बीच नौकरी को लेकर चल रहा विवाद श्रम मंत्रालय ने सुलझाया, ये था पूरा मामला

10 जुलाई को, पेटीएम मैनेजमेंट का प्रतिनिधि रीजनल लेबर कमिश्नर के सामने पेश हुआ, और ज्वाइनिंग बोनस की रिकवरी नहीं करने और कर्मचारी को नोटिस पीरियड का पेमेंट देने पर सहमति जताई। पीड़ित कर्मचारियों ने भी शर्तों को पूरी शांति से से स्वीकार कर लिया

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 10, 2024 पर 8:50 PM
Paytm और कर्मचारियों के बीच नौकरी को लेकर चल रहा विवाद श्रम मंत्रालय ने सुलझाया, ये था पूरा मामला
श्रम मंत्रालय ने Paytm और कर्मचारी के बीच नौकरी को लेकर चल रहा विवाद सुलझाया

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने Paytm पर कथित टर्मिनेशन को लेकर एक कर्मचारी की तरफ से दायर शिकायत पर सफलतापूर्वक मध्यस्थता की है। 9 जुलाई को, मनीकंट्रोल ने बेंगलुरु के रीजनल लेबर कमिश्नर की ओर से कर्मचारियों की कथित जबरन बर्खास्तगी के संबंध में पेटीएम की पेरेंट कंपनी One97 कम्युनिकेशन को तलब करने की जानकारी दी थी। कर्मचारियों की तरफ से कंपनी खिलाफ मंत्रालय में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें कंपनी पर कानूनों का उल्लंघन करने और बिना सैलरी के जबरन बर्खास्तगी का आरोप लगाया गया था।

10 जुलाई को, पेटीएम मैनेजमेंट का प्रतिनिधि रीजनल लेबर कमिश्नर के सामने पेश हुआ, और ज्वाइनिंग बोनस की रिकवरी नहीं करने और कर्मचारी को नोटिस पीरियड का पेमेंट देने पर सहमति जताई। पीड़ित कर्मचारियों ने भी शर्तों को पूरी शांति से से स्वीकार कर लिया।

ताजा मामला उन कई शिकायतों में से एक है, जो नोएडा हेडक्वार्टर वाली फिनटेक प्रमुख में बड़े पैमाने पर रिस्ट्रक्चरिंग के बाद पेटीएम के कई कर्मचारियों की तरफ से दर्ज की गई हैं।

भले ही पेटीएम (Paytm) ने रिस्ट्रक्चरिंग के तहत इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों को कहीं दूसरी जगह प्लेसमेंट में मदद करने का दावा किया है, लेकिन कई लोगों ने कंपनी पर उन्हें बिना नोटिस, मुआवजे या अपनी इच्छा से इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने का आरोप भी लगाया है।

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