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Meta की ग्लोबल टीम ने ही इंडिया में WhatsApp पेमेंट के प्लान को सफल नहीं होने दिया, जानिए पूरी कहानी

व्हाट्सऐप ने एक छोटे यूजर ग्रुप के साथ ट्रायल शुरू किया था। उसके बाद उसे 2 करोड़ यूजर्स के लिए पेमेंट प्लेटफॉर्म ओपन करने की मंजूरी मिली। उसके बाद यह संख्या बढ़ाकर 4 करोड़ और 8 करोड़ की गई। इससे व्हाट्सऐप को मार्केट में आक्रामक एंट्री करने में दिक्कत आई। उधर, व्हाट्सऐप पे इंडिआ की टीम को मेंटलो पार्क में मेटा के ग्लोबल ऑफिस में रोक लिया गया। बैंकिंग रिलेशंस से लेकर डिजाइन और एक्सपीरियंस से लेकर मार्केटिंग बजट तक के लिए एप्रूवल ग्लोबल हेडक्वार्टर से लेना पड़ता था

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 07, 2023 पर 11:58 PM
Meta की ग्लोबल टीम ने ही इंडिया में WhatsApp पेमेंट के प्लान को सफल नहीं होने दिया, जानिए पूरी कहानी
यह देखते हुए कि यूपीआई मार्केट में तीन यूपीआई ऐप्स की हिस्सेदारी करीब 95 फीसदी है, NPCI को यह लगा था कि व्हाट्सऐप मौजूदा ऐप्स की पैठ में सेंध लगाएगा। इस इकोसिस्टम से जुड़े ज्यादातर लोग व्हाट्सऐप की सफलता चाहते थे।

WhatsApp को इंडिया में जब UPI सेवाएं देने का एप्रूवल मिला था, तब यह अंदाजा लगाया गया था कि इससे UPI सेवाओं के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। मार्च 2022 में व्हाट्सऐप ने एक हफ्ते के लिए छोटा कंपेन चलाया था। कंपनी ने रोजाना 80 लाख से एक करोड़ ट्रांजेक्शन किए थे। इसके प्लेटफॉर्म पर रोजाना 16 लाख से ज्यादा यूजर्स साइन-अप कर रहे थे। यह तब था जब कंपनी ने मार्केटिंग पर कोई खर्च नहीं किया था। अप्रैल 2023 में कुल 1.5 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए, जिनकी वैल्यू 1,300 करोड़ रुपये थी। यह कुल यूपीआई ट्रांजेक्शन का 0.1 फीसदी था, जबकि वैल्यू के लिहाज से 0.09 फीसदी था।

व्हाट्सऐप पे इंडिआ की टीम को मेंटलो पार्क में मेटा के ग्लोबल ऑफिस में रोक लिया गया। बैंकिंग रिलेशंस से लेकर डिजाइन और एक्सपीरियंस से लेकर मार्केटिंग बजट तक के लिए एप्रूवल ग्लोबल हेडक्वार्टर से लेना पड़ता था। इससे व्हाट्सऐप इंडिया टीम को बहुत निराशा हुई। इसके बाद सीनियर एग्जिक्यूटिव्स अभिजीत बोस, मनेष महातमे और विनय शोलेटी ने पिछले साल इस्तीफा दे दिए। इंडिया में पेमेंट डिवीजन का अभी कोई बॉस नहीं है।

लॉन्च से पहले NPCI के टॉप एग्जिक्यूटिव्स और कुछ बैंकर यह चर्चा कर रहे थे कि अचानक पेमेंट बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर उसे बगैर किसी रुकावट के कैसे मैनेज किया जाएगा। शुरुआत में सबको यह अंदाजा था कि व्हाट्सऐप को मार्केट में अपनी मजबूत पैठ बनाने में वक्त नहीं लगेगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। दरअसल, यह उन बड़े कारणों में से एक था, जिनकी वजह से NPCI को थर्ड पार्टी UPI Apps के लिए 30 फीसदी मार्केट कैप लगाने का ऐलान करना पड़ा।

यह देखते हुए कि यूपीआई मार्केट में तीन यूपीआई ऐप्स की हिस्सेदारी करीब 95 फीसदी है, NPCI को यह लगा था कि व्हाट्सऐप मौजूदा ऐप्स की पैठ में सेंध लगाएगा। इस इकोसिस्टम से जुड़े ज्यादातर लोग व्हाट्सऐप की सफलता चाहते थे। लेकिन, 2022 के अंत तक NPCI के टॉप अफसरों को इस बात से निराशा हुई कि ऐसा होने नहीं जा रहा है। व्हाट्सऐप को भी NPCI की तरफ से एक बार में मंजूरी नहीं दिए जाने से थोड़ी निराशा हुई।

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