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AI को लेकर नंदन निलेकणी ने किया बड़ा दावा, कहा-एआई की मदद से लोगों की जरूरतें पूरी करने में इंडिया अव्वल होगा

Infosys के को-फाउंडर और चेयरमैन नंदन निलेकणी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर इंडिया की सोच अलग है। हम अगला एलएलएम बनाने की दौड़ में शामिल नहीं हैं। हमारा मकसद बड़ा बदलाव लाना है। हम लोगों के हाथ में इस टेक्नोलॉजी को देना चाहते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड May 08, 2024 पर 12:23 PM
AI को लेकर नंदन निलेकणी ने किया बड़ा दावा, कहा-एआई की मदद से लोगों की जरूरतें पूरी करने में इंडिया अव्वल होगा
नंदन निलेकणी ने कहा कि इंडिया को अगले 10 ट्रिलियन डॉलर मॉडल का इंतजार नहीं करना चाहिए। इसकी जगह हमें अपने अरबों लोगों की जरूरतों को पूरी करने के लिए उपलब्ध टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहिए।

इंफोसिस के को-फाउंडर और चेयरमैन नंदन निलेकणी ने कहा है कि इंडिया लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) बनाने की दौड़ में शामिल नहीं है बल्कि हमारा फोकस ऐसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बनाने पर होगा, जो हर व्यक्ति के काम आएगा। उन्होंने कहा कि 'अदभुत' इंडिया दुनिया का एआई यूज-केस कैपिटल होगा। उन्होंने बताया कि एआई का इंडिया का रास्ता अलग है। हम अगला एलएलएम बनाने की दौड़ में शामिल नहीं हैं। हमारा मकसद बड़ा बदलाव लाना है। हम लोगों के हाथ में इस टेक्नोलॉजी को देना चाहते हैं। उन्होंने बेंगलुरु में 7 मई को एक कार्यक्रम में ये बातें बताईं।

एआई का इस्तेमाल अरबों लोगों की जरूरतें पूरी करने में

इस कार्यक्रम में एकस्टेप फाउंडेशन (EkStep Foundation) के पीपल प्लस एआई ने अपने ओपन क्लाउड कंप्यूट (OCC) प्रोजेक्ट के लॉन्च का ऐलान किया। ओसीसी का मकसद कंप्यूटर रिसोर्सेज के लिए एक ओपन नेटवर्क बनाना है। यह एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती मांग को पूरा करेगा। निलेकणी (Nandan Nilekani) ने कहा कि इंडिया को अगले 10 ट्रिलियन डॉलर मॉडल का इंतजार नहीं करना चाहिए। इसकी जगह हमें अपने अरबों लोगों की जरूरतों को पूरी करने के लिए उपलब्ध टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना चाहिए।

दुनियाभर में एलएलएम में आगे निकलने की होड़

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