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Zee Entertainment के प्रमोटर चंद्रा और गोयनका को SAT से नहीं मिली राहत, सेबी के फैसले के खिलाफ दायर की थी याचिका

Zee Entertainment: सेबी ने Zee के प्रमोटर्स पर किसी भी कंपनी में अहम पद लेने पर रोक लगाई है जिसके खिलाफ प्रमोटर्स ने SAT ने याचिका दायर की थी लेकिन वहां भी आज कोई राहत नहीं मिली

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 10, 2023 पर 1:30 PM
Zee Entertainment के प्रमोटर चंद्रा और गोयनका को SAT से नहीं मिली राहत, सेबी के फैसले के खिलाफ दायर की थी याचिका
Zee Entertainment के प्रमोटर्स के खिलाफ SAT के फैसलों का शेयरों पर क्या होगा असर

 Zee Share Price: सिक्योरिटीज एंड अपीलीय ट्राइब्यूनल (SAT) आज 10 जुलाई को Zee एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के प्रमोटर्स को राहत नहीं देने का फैसला किया। Zee के प्रमोटर्स सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका ने यह याचिका सेबी के उस फैसले के खिलाफ दायर की थी जिसमें रेगुलेटर ने ज़ी के प्रमोटर्स पर किसी भी कंपनी में कोई अहम पद लेने पर रोक लगाई थी। अपीलीय ट्राइब्यूनल ने इस मामले में सेबी और Zee एंटरटेनमेंट के CEO पुनीत गोयनका की दलील सुनने के बाद 27 जून को अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक, गोयनका और चंद्रा अगले दो हफ्तों में सेबी को अपना जवाब भेजेंगे।

12 जून को सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि Essel Group के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और Zee एंटरटेनमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO पुनीत गोयनका किसी भी लिस्टेड कंपनी में कोई अहम पद नहीं ले पाएंगे।

अपनी दलील में सेबी के वकील दारियस खंबाटा ने जून में कहा था कि मार्केट रेगुलेटर पिछले 4 महीनों से यह संकेत दे रहा है कि फंड के गलत इस्तेमाल की जांच चल रही है। खंबाटा ने कहा था कि सेबी का फैसला उसे मिले सबूतों पर आधारित है।

इसके जवाब में पुनीत गोयनका के वकील जनक द्वारकादास ने कहा था कि मार्केट रेगुलेटर के पास कोई सबूत नहीं है। द्वारकादास ने ये भी दलील दी थी कि जांच में सेबी को प्रमोटर के खिलाफ गलत या फर्जी ट्रांजैक्शन के कोई सबूत नहीं मिले थे। द्वारकादास ने ये भी कहा था कि कंपनी से दो लोगों को हटाकर सेबी अपने अधिकारों का गलत फायदा उठा रहा है।

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