इस महीने की शुरुआत में रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। इससे यह संकेत मिला था कि अब टाटा समूह की कमान नोएल टाटा के हाथ में आ जाएगी। लेकिन, नोएल टाटा कभी टाटा संस के चेयरमैन नहीं बन सकते। टाटा संस टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। इस समूह की एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों का नियंत्रण टाटा संस के पास है। ऐसा पहली बार नहीं है कि नोएल टाटा के टाटा संस का चेयरमैन बनने के रास्ता में रोड़ा आ गया है। ऐसी ही स्थिति करीब 13 साल पहले पैदा हुई थी, जब वह टाटा संस का चेयरमैन बनते-बनते रह गए थे।
