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Noel Tata नहीं बन सकते टाटा संस के चेयरमैन, रतन टाटा का बनाया यह नियम है इसकी बड़ी वजह

टाटा संस टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। इस समूह की एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों का नियंत्रण टाटा संस के पास है। ऐसा पहली बार नहीं है कि नोएल टाटा के टाटा संस का चेयरमैन बनने के रास्ता में रोड़ा आ गया है। इस बार रतन टाटा का बनाया नियम ही उनके चेयरमैन बनने के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा बना है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 24, 2024 पर 4:43 PM
Noel Tata नहीं बन सकते टाटा संस के चेयरमैन, रतन टाटा का बनाया यह नियम है इसकी बड़ी वजह
टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में 66 फीसदी हिस्सेदारी है। इसका मतलब है कि टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन के पास एक तरह से इस समूह का नियंत्रण होता है।

इस महीने की शुरुआत में रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। इससे यह संकेत मिला था कि अब टाटा समूह की कमान नोएल टाटा के हाथ में आ जाएगी। लेकिन, नोएल टाटा कभी टाटा संस के चेयरमैन नहीं बन सकते। टाटा संस टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। इस समूह की एक दर्जन से ज्यादा कंपनियों का नियंत्रण टाटा संस के पास है। ऐसा पहली बार नहीं है कि नोएल टाटा के टाटा संस का चेयरमैन बनने के रास्ता में रोड़ा आ गया है। ऐसी ही स्थिति करीब 13 साल पहले पैदा हुई थी, जब वह टाटा संस का चेयरमैन बनते-बनते रह गए थे।

पहले भी नोएट टाटा संस का चेयरमैन बनते-बनते रह गए थे

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा (Ratan Tata) के इस्तीफे के बाद नोएल टाटा (Noel Tata) के टाटा संस का चेयरमैन बनने की चर्चा शुरू हुई थी। लेकिन, यह जिम्मेदारी साइरस मिस्त्री को मिल गई थी, जो नोएल की पत्नी के भाई हैं। दोबारा जब नोएल टाटा को सर रतन टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी नियुक्त किया गया था तब भी उन्हें टाटा संस का चेयरमैन नियुक्त किए जाने की चर्चा शुरू हुई थी। फिर, 2022 में उन्हें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट का ट्रस्टी नियुक्त किया गया, लेकिन उन्हें टाटा संस का चेयरमैन नहीं बनाया गया।

रतन टाटा ने साल 2022 में बनाया था यह नियम

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