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BharatPe में फिर शुरु हो सकता है विवाद, अशनीर ग्रोवर के बाद अब भाविक कोलडिया की हिस्सेदारी को लेकर फंसा पेंच

एक रिपोर्ट के मुताबिक, भाविक कोलडिया ने BharatPe में अपनी हिस्सेसदारी अशनीर ग्रोवर और शाश्वत नकरानी में बांट दी, लेकिन अशनीर के कंपनी से निकलने के बाद उनकी हिस्सेदारी पर अब पेंच फंस गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 05, 2022 पर 7:19 PM
BharatPe में फिर शुरु हो सकता है विवाद, अशनीर ग्रोवर के बाद अब भाविक कोलडिया की हिस्सेदारी को लेकर फंसा पेंच
अशनीर ग्रोवर (बाएं) और भाविक कोलडिया (दाएं)

फिनटेक फर्म भारतपे (BharatPe) में एक और विवाद उभरता दिख रहा है। हालांकि इस बार विवाद के केंद्र में अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) नहीं, बल्कि कंपनी के मूल फाउंडर भाविक कोलडिया (Bhavik Koladiya) दिखाई दे रहे हैं। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोलडिया ने BharatPe कंपनी शुरू की थी। हालांकि अमेरिका में एक क्रेडिट कॉर्ड फ्रॉड मामले में दोषी पाए जाने के बाद ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपनी हिस्सेदारी कंपनी के बाकी दो कोफाउंडर- अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) और शाश्वत नकरानी (Shashvat Nakrani) में बांट दिया था।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है अब भाविक कोलडिया की हिस्सेदारी को लेकर कुछ विवाद उभरने के संकेत दिखने शुरू हो गए हैं। एक सूत्र ने बताया कि अशनीर ग्रोवर और भाविक कोलडिया के संबंध हालिया विवाद में काफी खराब हो गए हैं। ऐसे में यह काफी जटिल स्थिति बन गई है कि कोलडिया की हिस्सेदारी अब उन्हें कैसे वापस ट्रांसफर की जाए।

BharatPe ने कुछ दिनों पहले महीनों लंबे चले विवाद के बाद अशनीर ग्रोवर को कंपनी से हटाने का ऐलान किया था। BharatPe ने अशनीर और उनके परिवार पर कंपनी के फंड का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्हें कंपनी के सारे पद से हटाने के साथ उनसे फाउंडर कहे जाने का दर्जा भी छीन लिया था।

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