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IPO से पहले Zepto ने अपने स्ट्रक्चर में किया बदलाव, कंपनी ने शुरू की नई मार्केटप्लेस यूनिट

क्विक कॉमर्स स्टार्टअप और यूनिकॉर्न जेप्टो ने नई इकाई जेप्टो मार्केटप्लेस प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि कंपनी द्वारा इस इकाई को बनाने का मकसद IPO से पहले अपने ऑपरेशंस को आसान बनाना है। कंपनी फिलहाल बिजनेस टू बिजनेस (B2B) मॉडल के तहत ऑपरेट करती है। कंपनी की भारतीय इकाई किरणकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड सीधे तौर पर ब्रांड्स से सामान हासिल करती है और इसे खास तौर पर उन कंपनियों को बेचती है, जो जेप्टो प्लेटफॉर्म मैनेज करते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 02, 2025 पर 4:29 PM
IPO से पहले Zepto ने अपने स्ट्रक्चर में किया बदलाव, कंपनी ने शुरू की नई मार्केटप्लेस यूनिट
जेप्टो की प्रतिस्पर्धी कंपनियां- ब्लिनकिट और स्विगी इंस्टामार्ट लंबे समय से मार्केटप्लेस सिस्टम के तौर पर काम कर रही हैं।

क्विक कॉमर्स स्टार्टअप और यूनिकॉर्न जेप्टो (Zepto) ने नई इकाई जेप्टो मार्केटप्लेस प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि कंपनी द्वारा इस इकाई को बनाने का मकसद IPO से पहले अपने ऑपरेशंस को आसान बनाना है। कंपनी फिलहाल बिजनेस टू बिजनेस (B2B) मॉडल के तहत ऑपरेट करती है। कंपनी की भारतीय इकाई किरणकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड सीधे तौर पर ब्रांड्स से सामान हासिल करती है और इसे खास तौर पर उन कंपनियों को बेचती है, जो जेप्टो प्लेटफॉर्म मैनेज करते हैं।

जेप्टो की प्रतिस्पर्धी कंपनियां- ब्लिनकिट और स्विगी इंस्टामार्ट लंबे समय से मार्केटप्लेस सिस्टम के तौर पर काम कर रही हैं और सेलर्स कंज्यूमर्स के लिए सीधे तौर पर प्रोडक्ट्स की लिस्टिंग कर सकते हैं। अब जेप्टो भी कुछ ऐसी ही कर रही है। जेप्टो मार्केटप्लेस प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन 22 अक्टूबर 2024 को हुआ, जो आखिरकार B2B मॉडल से निकलने का संकेत था। इस बदलाव से जेप्टो का ऑपरेशन भी ब्लिनकिट और स्विगी इंस्टामार्ट की तर्ज पर चल सकता है। दरअसल, जेप्टो इसी साल IPO लाने की तैयारी में है।

एक सूत्र ने बताया, 'जेप्टो का मौजूदा मॉडल काफी पेचीदा है और यह मुमकिन है कि कंपनी अपने IPO से पहले सभी निवेशकों के लिए अपने बिजनेस मॉडल को ज्यादा स्पष्ट और पारदर्शी बनाना चाहती है। अलग इकाई- जेप्टो मार्केटप्लेस प्राइवेट लिमिटेड के रजिस्ट्रेशन के जरिये कंपनी अपने ऑपरेशन में बदलाव कर यह सुनिश्चित करेगी कि उसका बिजनेस मॉडल ब्लिनकिट और स्विगी इंस्टामार्ट की तरह हो।'

यूनिफॉर्म बिजनेस मॉडल लागू हो जाने के बाद इससे निवेशकों को जेप्टो के ऑपरेटिंग मेट्रिक का बेहतर तरीके से मूल्यांकन करने में मदद मिलेगी। हालांकि, एक और सूत्र ने बताया, 'नई इकाई के रजिस्ट्रेशन का मकसद इंटरनेट प्लेटफॉर्म को आगे बढ़ाना है।' इस शख्स ने बताया कि कंपनी का मकसद टेक बिजनेस के लिए अलग बैलेंस शीट रखना है, ताकि बिजनेस को अलग-अलग यूनिट में बांटने में मदद मिल सके। सूत्र ने बताया, 'कंपनी इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी के साथ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म चला रही है और नई इकाई के बावजूद इसके बिजनेस मॉडल में बदलाव नहीं होगा।'

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