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FY27 तक CV बिजनेस में 40% मार्केट शेयर पर Tata Motors की नजर, PV-EV कारोबार में FY30 तक 10% EBITDA का लक्ष्य

Tata Motors के CV बिजनेस में डीकार्बोनाइजेशन और कनेक्टिविटी समाधानों के साथ-साथ सॉफ्टवेयर डिफाइंड व्हीकल्स में सक्रिय निवेश देखने को मिल सकता है। टाटा मोटर्स ने कहा कि अगले तीन वर्षों के लिए EV कारोबार के लिए अच्छा फंड मौजूद है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jun 09, 2025 पर 11:30 PM
FY27 तक CV बिजनेस में 40% मार्केट शेयर पर Tata Motors की नजर, PV-EV कारोबार में FY30 तक 10% EBITDA का लक्ष्य
टाटा मोटर्स EV मार्केट में पिछले एक साल से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण बाजार हिस्सेदारी खो रही है।

टाटा मोटर्स (Tata Motors) ऑटोमोबाइल मार्केट में अपनी पैठ और प्रॉफिटेबिलिटी दोनों बढ़ाना चाहती है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2029-30 तक पैसेंजर व्हीकल्स (PV) और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) कारोबार के लिए 10 प्रतिशत EBITDA का लक्ष्य रखा है। यह बात 9 जून को एक इनवेस्टर प्रेजेंटेशन में कही गई। टाटा मोटर्स ने कहा कि उसका कमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस अब रफ्तार बढ़ाएगा। कंपनी वित्त वर्ष 2027 तक इस बिजनेस में 40% बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

टाटा मोटर्स के CV बिजनेस में डीकार्बोनाइजेशन और कनेक्टिविटी समाधानों के साथ-साथ सॉफ्टवेयर डिफाइंड व्हीकल्स (SDVs) में सक्रिय निवेश देखने को मिल सकता है। कंपनी के मैनेजमेंट ने कनफर्म किया है कि उसके EV कारोबार ने बेहतर प्रॉफिटेबिलिटी का इशारा देते हुए वित्त वर्ष 2025 में EBITDA ब्रेकईवन हासिल किया, यानि कंपनी को EBITDA के मामले में न ही मुनाफा हुआ और न ही घाटा। टाटा मोटर्स का कहना है कि यह आगे भी जारी रहेगा।

EV मार्केट में हिस्सेदारी घटकर रह गई 35%

Tata Motors, EV मार्केट में पिछले एक साल से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण बाजार हिस्सेदारी खो रही है। मई 2025 में इसकी EV बाजार में हिस्सेदारी घटकर 35% रह गई। एक साल पहले यह 66% थी। महिंद्रा और हुंडई मोटर के नए लॉन्च व्हीकल्स तेजी से पैठ बना रहे हैं। इसके अलावा JSW-MG मोटर्स की विंडसर ने कंपनी की बाजार हिस्सेदारी को एक साल पहले के 19% से बढ़ाकर मई 2025 में 31% पर पहुंचा दिया। बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए टाटा मोटर्स की उम्मीदें अब हाल ही में लॉन्च की गई हैरियर EV से हैं। टाटा मोटर्स ने कहा कि अगले तीन वर्षों के लिए EV कारोबार के लिए अच्छा फंड मौजूद है। इसके अलावा कंपनी भारत में सॉफ्टवेयर डिफाइंड व्हीकल्स (एसडीवी) की ओर ट्रांजिशन करना चाहती है।

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