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वेदांता ने ₹8,000 करोड़ के टर्म लोन के लिए गिरवी रखी हिंदुस्तान जिंक की 5.8% हिस्सेदारी, जानिए डिटेल

करीब 10 महीने पहले भी वेदांता ने 10,000 करोड़ रुपये के एक टर्म लोन के लिए हिंदुस्तान जिंक की 14.82 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी रखी थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 09, 2022 पर 7:54 AM
वेदांता ने ₹8,000 करोड़ के टर्म लोन के लिए गिरवी रखी हिंदुस्तान जिंक की 5.8% हिस्सेदारी, जानिए डिटेल
हिंदुस्तान जिंक साल 2002 तक भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी थी

माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता (Vedanta) ने बुधवार 8 जून को बताया कि उसने 8,000 करोड़ का एक टर्म लोन जुटाने के लिए अपनी सब्सिडियरी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) का 5.8 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी रखा है। बता दें कि करीब 10 महीने पहले भी वेदांता ने 10,000 करोड़ रुपये के एक टर्म लोन के लिए हिंदुस्तान जिंक की 14.82 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी रखी थी।

कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी एक सूचना में बताया कि इससे पहले अगस्त 2021 में 10,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए गिरखी रखी गई हिस्सेदारी को रिलीज कर दिया गया है। बता दें कि वेदांता ग्रुप के पास Hindustan Zinc की करीब 64.9 फीसदी हिस्सेदारी है।

बता दें कि हिंदुस्तान जिंक 2002 तक भारत सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी थी। अप्रैल, 2002 में सरकार ने हिंदुस्तान जिंक में अपनी 26 प्रतिशत हिस्सेदारी वेदांता ग्रुप की कंपनी स्टरलाइट को 445 करोड़ रुपये में बेची थी। इससे वेदांता समूह के पास कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण आ गया था। एक साल बाद सरकार से कंपनी की 18.92 प्रतिशत और हिस्सेदारी वेंदाता ग्रुप को बेच दी। इन दो लेनदेन में सरकार को 769 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।

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