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Vedanta को वापस मिल गई जांबिया की कॉपर माइन, भारत को भी मिलेगा यह बड़ा फायदा

घरेलू मार्केट में लिस्टेड माइनिंग कंपनी वेदांता (Vedanta) की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) को एक बार फिर जांबिया की एक कॉपर माइन का मालिकाना हक मिल गया है। वेदांता रिसोर्सेज ने 5 सितंबर को ऐलान किया है। कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक जांबिया की सरकार ने कोंकोला कॉपर माइन्स (KCM) की ओनरशिप और ऑपरेशनल कंट्रोल वेदांता सिसोर्सेज को वापस कर दिया गया है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 06, 2023 पर 11:06 AM
Vedanta को वापस मिल गई जांबिया की कॉपर माइन, भारत को भी मिलेगा यह बड़ा फायदा
वेदांता की प्रेस रिलीज के मुताबिक केसीएम का कंट्रोल उसे ऐसे समय में मिल रहा है, जब भारत में कॉपर की मांग सालाना करीब 25 फीसदी की दर से बढ़ रही है।

घरेलू मार्केट में लिस्टेड माइनिंग कंपनी वेदांता (Vedanta) की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) को एक बार फिर जांबिया की एक कॉपर माइन का मालिकाना हक मिल गया है। वेदांता रिसोर्सेज ने 5 सितंबर को ऐलान किया है। कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक जांबिया की सरकार ने कोंकोला कॉपर माइन्स (KCM) की ओनरशिप और ऑपरेशनल कंट्रोल वेदांता सिसोर्सेज को वापस कर दिया गया है। जांबिया के मिनिस्टर ऑफ माइन्स एंड मिनरल्स डेवलपमेंट पॉल काबुस्वे (Paul Kabuswe) ने कहा कि केसीएम की देखभाल के लिए इसे मेजारिटी शेयरहोल्डर के रूप में वेदांता को फिर से सौंपा जा रहा है। वेदांता के पास केसीएम की 79.4 फीसदी हिस्सेदारी है।

KCM का कारोबार कितना अहम

केसीएम का कारोबार कितना अहम है, इसे लेकर वेदांता का कहना है कि दुनिया को कॉर्बनमुक्त बनाने के लिए एनर्जी ट्रांजिशन में इसकी अहम भूमिला होगी क्योंकि इसके पास कॉपर का बढ़िया और विशाल भंडार है। वेदांता के मुताबिक केसीएम के पास कंटेन्ड कॉपर का 1.6 करोड़ टन का रिसोर्सेज और रिजर्व है और इसका कॉपर ग्रेड 2.3 फीसदी है जो वैश्विक औसत 0.4 फीसदी से काफी अधिक है। वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने जाम्बिया सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि केसीएम बहुत मूल्यवान संपत्ति है क्योंकि भविष्य की तकनीकों के लिए तांबा एक महत्वपूर्ण खनिज है।

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