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Commodity Market : देश में बढ़ी दलहन की बुआई, क्या कीमतों में दिखेगी गिरावट

Commodity Market : बिमल कोठारी ने कहा कि राष्ट्रीय दलहन मिशन' को मंजूरी सराहनीय कदम है। सिर्फ मिशन को मंजूरी देने से आत्मनिर्भरता नहीं आएगी। दालों के सस्ते इंपोर्ट पर लगाम लगनी चाहिए। पीली मटर काफी कम दाम पर इंपोर्ट हो रही है

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 03, 2025 पर 3:01 PM
Commodity Market : देश में बढ़ी दलहन की बुआई, क्या कीमतों में दिखेगी गिरावट
Commodity Market :26 सितंबर तक देश में दलहन की बुआई करीब 1% बढ़ी है। वहीं केंद्र ने 'राष्ट्रीय दलहन मिशन' को भी मंजूरी दे दी है।

Commodity Market :26 सितंबर तक देश में दलहन की बुआई करीब 1% बढ़ी है। वहीं केंद्र ने 'राष्ट्रीय दलहन मिशन' को भी मंजूरी दे दी है। 26 सितंबर 2024-25 को 118.95 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई हुई। जबकि 26 सितंबर 2025-26 में 119.85 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई हुई थी।

दलहन का उत्पादन बढ़ाने का रोडमैप तैयार किया। राष्ट्रीय दलहन मिशन' को केंद्र सरकार की मंजूरी मिली। मिशन 2025-26 से 2030-31 तक लागू होगा। दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना लक्ष्य है। इस मिशन के तहत सरकार का लक्ष्य तुअर, उड़द, मसूर के उत्पादन को बढ़ावा देना। NAFED, NCCF से 100% खरीद सुनिश्चित करना। रजिस्टर्ड किसानों से 100% खरीद सुनिश्चित करना है। सरकार की `11,440 करोड़ खर्च करने की योजना है। 2030-31 तक दलहन उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है। उत्पादन बढ़ाकर 350 लाख टन करने का लक्ष्य है।

IPGA के Chairman बिमल कोठारी ने कहा कि राष्ट्रीय दलहन मिशन' को मंजूरी सराहनीय कदम है। सिर्फ मिशन को मंजूरी देने से आत्मनिर्भरता नहीं आएगी। दालों के सस्ते इंपोर्ट पर लगाम लगनी चाहिए। पीली मटर काफी कम दाम पर इंपोर्ट हो रही है।

उन्होंने आगे कहा कि त्योहारों के समय में दलहन की मांग अच्छी रहती है। किसानों को MSP मिल ही नहीं रहे हैं। सरकार MSP बढ़ा रही है लेकिन दाम MSP के नीचे कायम हैं। सभी एक्सपोर्टिंग देशों में फसल की कटाई शुरु हो चुकी है। एक्सपोर्ट जारी रहा तो दालों के दाम और कम होंगे। बारिश से फसल को थोड़ा नुकसान हुआ हैं।

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