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Edible Oil : बढ़ती कीमतों ने घटाया इंपोर्ट, देश में खाने के तेल का इंपोर्ट 2 सालों में 7% घटा-IVPA प्रेसिडेंट

Edible Oil : 21 नवंबर 2025 तक भारत में तिलहन की बुवाई पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 4% बढ़कर 76.64 लाख हेक्टेयर को पार कर गई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 26, 2025 पर 2:43 PM
Edible Oil : बढ़ती कीमतों ने घटाया इंपोर्ट, देश में खाने के तेल का इंपोर्ट 2 सालों में 7% घटा-IVPA  प्रेसिडेंट
देश में सरसों की मांग बढ़ रही है। वहीं पाम ऑयल का उत्पादन भी बढ़ रहा है। सरसों में कोल्ड प्रेस्ड ऑयल की मांग बढ़ रही है।

Edible Oil : 21 नवंबर 2025 तक भारत में तिलहन की बुवाई पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग 4% बढ़कर 76.64 लाख हेक्टेयर को पार कर गई है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 24 नवंबर 2025 को जारी रबी फसलों की बुवाई की प्रगति रिपोर्ट में दी गई। 21 नवंबर 2024-25 रबी सीजन में 72.69 लाख हेक्टेयर में तिलहन की बुआई हुई।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक 21 नवंबर तक सरसों की बुआई 73.80 लाख हेक्टेयर में हुई। जबकि मूंगफली की बुआई 1.12 लाख हेक्टेयर, सनफ्लावर की बुआई 0.16 लाख हेक्टेयर , अन्य फसलों की बुआई 1.56 लाख हेक्टेयर में हुई है।

IVPA के प्रेसिडेंट सुधाकर देसाई ने कहा कि देश में 2 साल पहले खाने के तेल का ज्यादा इंपोर्ट होता था, लेकिन 2 सालों से इंपोर्ट में 7 फीसदी की गिरावट आई है। इंपोर्ट का कम या ज्यादा होना कीमत पर निर्भर करता है। सोया का इंपोर्ट 5.5 मिलियन टन रहा है। 30 लाख टन सनफ्लायवर का इंपोर्ट हुआ।

उन्होंने कहा कि दाम ज्यादा होने से पाम ऑयल का इंपोर्ट घटा है। थाइलैंड पाम ऑयल का एक्सपोर्टर बन कर उभरा है। इसी तरह से सोयाबीन ऑयल का इंपोर्ट कई नए देश भी कर रहे हैं।

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