Edible Oil Import Flat: देश में खाने के तेल का इंपोर्ट करीब -करीब फ्लैट रहा है। 2024-25 मार्केटिंग साल में 160 लाख टन खाने के तेल का ही इंपोर्ट हुआ है। वहीं खास बात ये है कि भारत नेपाल से भी सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल का इंपोर्ट कर रहा है।

Edible Oil Import Flat: देश में खाने के तेल का इंपोर्ट करीब -करीब फ्लैट रहा है। 2024-25 मार्केटिंग साल में 160 लाख टन खाने के तेल का ही इंपोर्ट हुआ है। वहीं खास बात ये है कि भारत नेपाल से भी सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल का इंपोर्ट कर रहा है।
देश खा रहा है कम तेल?
2024-25 में खाने के तेल की मांग फ्लैट रही। इंपोर्ट 160.1 लाख टन खाने के तेल का हुआ। वैल्यू टर्म में इंपोर्ट में 23% की तेजी आई। नवंबर-अक्टूबर तक मार्केटिंग साल चलता है। पाम और सनफ्लावर ऑयल का इंपोर्ट घटा है। सोयाबीन ऑयल के इंपोर्ट में तेजी आई।
2024-2025 में पाम ऑयल आयात घटकर 75.82 लाख टन रह गया जो कि 2023-24 में 90.15 लाख टन पर था। जबकि सोयाबीन ऑयल आयात बढ़कर 54.68 लाख टन हो गया जो पिछले साल 34.40 लाख टन पर था। सनफ्लावर ऑयल का इंपोर्ट भी 2023-24 के 35.06 लाख टन से घटकर 29.36 लाख टन रहा।
नेपाल से हो रहा है इंपोर्ट
नेपाल से रिफाइंड सोयाबीन ऑयल का इंपोर्ट हुआ। सनफ्लावर ऑयल का भी इंपोर्ट हुआ। खाने के तेल का इंपोर्ट कुल 7.5 लाख टन हुआ । दोनों खाने के तेलों का ड्यूटी फ्री इंपोर्ट हुआ। नेपाल से रिफाइंड सोयाबीन और सनफ्लावर ऑयल का इंपोर्ट SAFTA समझौते के तहत शून्य शुल्क (nil duty) पर जारी रहा।
SEA के ED डॉ. बी वी मेहता ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में खाद्य तेल आयात की मात्रा 2.2 गुना और आयात लागत करीब 15 गुना बढ़ी है। साल 2024-25 में 160 लाख टन तेल के लिए भारत को ₹1.61 लाख करोड़ खर्च करने पड़े, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। उन्होंने आगे कहा कि एक जमाने में पाम ऑयल सबसे सस्ता था लेकिन अब पाम ऑयल महंगा हो रहा है ।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।