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सरकार ने चुनिंदा सिल्वर ज्वैलरी के इंपोर्ट पर लगाई रोक, 31 मार्च 2026 तक रहेगी लागू

प्रतिबंधों को लेकर DGFT ने नोटिफिकेशन जारी किया है। प्रतिबंधों से मुख्य रूप से चांदी की ज्वैलरी, कीमती धातुओं से बनी ज्वैलरी, और बिना जेमस्टोन वाली ज्वैलरी प्रभावित होगी। थाइलैंड चांदी का प्रोड्यूसर नहीं है, फिर भी वहां से बड़ी मात्रा में चांदी का भारत में इंपोर्ट हो रहा है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Sep 27, 2025 पर 11:33 AM
सरकार ने चुनिंदा सिल्वर ज्वैलरी के इंपोर्ट पर लगाई रोक, 31 मार्च 2026 तक रहेगी लागू
चांदी की कुछ ज्वैलरी के इंपोर्ट को तत्काल प्रभाव से 'फ्री' से 'प्रतिबंधित' की कैटेगरी में डाला गया है।

भारत सरकार ने चांदी की कुछ ज्वैलरी के इंपोर्ट पर रोक लगा ​दी है। यह रोक अगले साल 31 मार्च तक जारी रहेगी। इस कदम का उद्देश्य थाइलैंड जैसे कई आसियान (ASEAN या एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस) से गैर-जड़ाऊ ज्वैलरी के नाम पर इंपोर्ट हो रही चांदी पर अंकुश लगाना है। भारत का ASEAN के साथ एक मुक्त व्यापार समझौता (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) है।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि सिल्वर और कीमती ज्वैलरी की इंपोर्ट पॉलिसी में 31 मार्च, 2026 तक के लिए बदलाव किया गया है। इसके तहत चांदी की कुछ ज्वैलरी को तत्काल प्रभाव से 'फ्री' से 'प्रतिबंधित' की कैटेगरी में डाला गया है। इस कैटेगरी के तहत आने वाले सामान के लिए सरकार से लाइसेंस लेना जरूरी है। प्रतिबंधों से मुख्य रूप से चांदी की ज्वैलरी, कीमती धातुओं से बनी ज्वैलरी, और बिना जेमस्टोन वाली ज्वैलरी प्रभावित होगी।

थाइलैंड चांदी का प्रोड्यूसर नहीं, फिर भी बड़ी मात्रा में इंपोर्ट

ASEAN देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि थाइलैंड चांदी का प्रोड्यूसर नहीं है, फिर भी वहां से बड़ी मात्रा में चांदी का भारत में इंपोर्ट हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यह आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (AITIGA) के तहत ड्यूटी में छूट का फायदा उठाने की कोशिश है।

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