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Edible Oil: खाने के तेलों की त्योहारी मांग अच्छी, क्या कीमतों पर डालेगी असर, जानें एक्सपर्ट की राय

Edible Oil: संदीप भान ने कहा कि पाम ऑयल सप्लाई में कमी नहीं है । ग्राउंड लेवल पर पाम ऑयल डिमांड ज्यादा नहीं है। पाम ऑयल में अगले 6 महीने ज्यादा डिमांड की संभावना कम है। हालांकि GST रिफॉर्म से डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। अर्जेंटीना में सोया ऑयल कीमतों में गिरावट आई है

Edited By: Sujata Yadavअपडेटेड Sep 27, 2025 पर 10:05 AM
Edible Oil: खाने के तेलों की त्योहारी मांग अच्छी, क्या कीमतों पर डालेगी असर, जानें एक्सपर्ट की राय
डॉ. बी.वी. मेहता ने कहा कि खाने के तेलों की त्योहारी मांग अच्छी है। साथ ही सप्लाई चेन की स्थिति भी काफी अच्छी है। जिसके चलते खाने के तेल के दाम नहीं बढ़ेंगे।

Edible Oil : फेस्टिवल सीजन में खाने के तेल की डिमांड कैसे रहेगी? क्या कीमतों में उछाल देखने को मिलेगा। इन्हीं सभी सवालों के जवाब देते हुए सीएनबीसी-आवाज के साथ बात करते हुए SEA के ईडी डॉ. बी.वी. मेहता ने कहा कि खाने के तेलों की त्योहारी मांग अच्छी है। साथ ही सप्लाई चेन की स्थिति भी काफी अच्छी है। जिसके चलते खाने के तेल के दाम नहीं बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि बीते 3 महीने में खाने के तेल का अच्छा इंपोर्ट हुआ। हर महीने में 15 लाख टन तेल का इंपोर्ट हुआ। अक्टूबर अंत तक कुल 155-157 लाख टन इंपोर्ट संभव है। हालांकि पिछले साल से इंपोर्ट 3-4 लाख टन कम होने की उम्मीद है।

उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से काफी राहत मिली है। रिफाइनिंग सेक्टर के हालात में सुधार हो रहा है। RBD पामोलीन का इंपोर्ट तकरीबन बंद हो गया है। रिफाइन सोयाबीन ऑयल नेपाल के रस्ते आ रहा है। SAFTA एग्रीमेंट के तहत ऑयल इंपोर्ट हो रहा है। हर महीने 70-80 हजार टन का इंपोर्ट हो रहा है। सस्ता होने से पूरे बाजार को खराब कर रहा है। सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है।

डॉ. बी.वी. मेहता ने आगे कहा कि मील को लेकर अब भी परेशानियां कायम हैं। नए DDGS के आने से मील की मांग घटी है। मील की मांग घटना चिंता की बात है। देश में मक्के का उत्पादन बढ़ रहा है। मक्के के एथेनॉल का उत्पादन भी बढ़ रहा है।

डुअल राइस ब्रान को सरकार ने बैन किया था। सरकार ने इसे जुलाई 2023 से बैन किया था। दूध की कीमतों में तेजी का हवाला देते हुए बैन हुआ था। बैन के बाद भी आज दूध के दाम बढ़ रहे हैं।डुअल राइस ब्रान ईस्टर्न इंडिया से एक्सपोर्ट हो रहा था। 5-6 लाख टन ईस्टर्न इंडिया से एक्सपोर्ट हो रहा था। बैन के कारण वहां के सारे प्लांट बंद हो चुके हैं। देश में राइस ब्रान प्रोसेस नहीं हो रहा है। राइस ब्रान ऑयल का उत्पादन घटा, इंपोर्ट बढ़ा है। सरकार को इस संबंध में चिंताई भी व्यक्त की है।

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