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कच्चे तेल में और उबाल, मिडिल ईस्ट की टेंशन नहीं गिरने दे रही कीमत

7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था, इसके बाद से तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही है। एनालिस्ट्स का मानना है कि जब तक इजराइल-हमास के बीच तनाव बना रहेगा, तब तक कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी का डर बना रहेगा। इस बीच, अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने सुझाव दिया कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक अपनी अगली बैठक में ब्याज दरों को फिर से स्थिर रखेगा

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 20, 2023 पर 8:48 AM
कच्चे तेल में और उबाल, मिडिल ईस्ट की टेंशन नहीं गिरने दे रही कीमत
दुनिया को होने वाली कच्चे तेल की सप्लाई में लगभग एक तिहाई योगदान मिडिल ईस्ट का है।

मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने से कच्चा तेल (Crude Oil) और महंगा हो गया है। ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत लगातार चौथे दिन बढ़कर 93 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, तेल की कीमत में आ रही तेजी की एक वजह है कि पेंटागन की ओर से कहा गया है ​कि अमेरिका, ईराक और सीरिया में ड्रोन हमले बढ़ा रहा है। वहीं लाल सागर में एक अमेरिकी डेस्ट्रॉयर ने यमन में हौथी विद्रोहियों द्वारा इजरायल की ओर दागी गई क्रूज मिसाइलों को रोक दिया। इसके अलावा एक वजह यह भी है कि इजराइल की ओर से गाजा पर जमीनी हमला शुरू होने का अनुमान है क्योंकि सीमा पर सैनिकों की संख्या बढ़ा दी गई है।

7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला कर दिया था, इसके बाद से तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही है। ऐसी चिंताएं हैं कि संघर्ष ईरान सहित अन्य देशों में फैल जाएगा और संभावित रूप से इसमें अमेरिका भी शामिल हो सकता है। दुनिया को होने वाली कच्चे तेल की सप्लाई में लगभग एक तिहाई योगदान मिडिल ईस्ट का है। एनालिस्ट्स का मानना है कि जब तक इजराइल-हमास के बीच तनाव बना रहेगा, तब तक कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी का डर बना रहेगा।

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