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Diabetes and Blood Sugar: डायबिटीज और ब्लड शुगर में है बड़ा फर्क, सही समय पर जान लिया तो टल जाएगी मुश्किल

ब्लड शुगर का संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए। ब्लड शुगर कंट्रोल में रहने से शरीर की ओवरऑल हेल्थ भी बेहतर रहती है। ऐसे में यह समझना जरूरी है कि ब्लड शुगर और डायबिटीज में क्या फर्क है, ताकि सही इलाज और देखभाल संभव हो सके

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 06, 2025 पर 7:30 AM
Diabetes and Blood Sugar: डायबिटीज और ब्लड शुगर में है बड़ा फर्क, सही समय पर जान लिया तो टल जाएगी मुश्किल
Diabetes and Blood Sugar: स्वस्थ लोगों को 2 साल में एक बार और डायबिटीज के मरीजों को हर 3 महीने में ब्लड शुगर लेवल की जांच कराना चाहिए।

डायबिटीज आज के समय में एक ऐसी बीमारी बन चुकी है, जो न सिर्फ उम्रदराज लोगों को, बल्कि युवाओं और बच्चों तक को अपनी चपेट में ले रही है। खराब लाइफस्टाइल, बढ़ता मोटापा, तनाव और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। ये बीमारी तब होती है जब शरीर में इंसुलिन का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे खून में ग्लूकोज की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ने लगती है। विशेषज्ञों की मानें तो हर स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम दो साल में एक बार और डायबिटीज से पीड़ित लोगों को हर तीन महीने में ब्लड शुगर टेस्ट जरूर कराना चाहिए।

समय रहते इस बीमारी की पहचान और इलाज बेहद जरूरी है, क्योंकि ये आंखों, किडनी, हार्ट और नर्व सिस्टम तक को नुकसान पहुंचा सकती है। यदि आप ब्लड शुगर के प्रति जागरूक हैं, तो न सिर्फ बीमारी से बचा जा सकता है, बल्कि एक बेहतर और स्वस्थ जीवन भी जिया जा सकता है।

क्या डायबिटीज और ब्लड शुगर एक ही चीज हैं?

अक्सर लोग डायबिटीज और हाई ब्लड शुगर को एक ही समझ लेते हैं, जबकि दोनों में फर्क होता है। ब्लड शुगर यानी खून में मौजूद ग्लूकोज का स्तर, जो हमारी खाने-पीने की आदतों से घटता-बढ़ता रहता है। लेकिन डायबिटीज तब होती है, जब शरीर में इंसुलिन काम करना बंद कर देता है या सही ढंग से काम नहीं करता। ये तब गंभीर हो जाता है जब ब्लड शुगर 200 mg/dl से ऊपर चला जाए।

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