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Diabetes: डायबिटीज में चमत्कारी है आक का पत्ता, ब्लड शुगर करेगा कंट्रोल और लकवे में भी देगा राहत!

Diabetes: डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए लोग दवाओं के साथ घरेलू उपाय भी अपनाते हैं। इन्हीं में शामिल है आक के पत्तों का प्रयोग। आयुर्वेद में इन्हें खास महत्व दिया गया है। माना जाता है कि ये पत्ते ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन सही तरीका जानना जरूरी है

Anchal Jhaअपडेटेड Jul 28, 2025 पर 7:30 AM
Diabetes: डायबिटीज में चमत्कारी है आक का पत्ता, ब्लड शुगर करेगा कंट्रोल और लकवे में भी देगा राहत!
Diabetes: आक की जड़ों की राख को सरसों के तेल में मिलाकर खुजली वाली जगह पर लगाने से त्वचा की समस्याएं दूर हो सकती हैं।

डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो जिंदगी भर साथ चलती है। इसे जड़ से खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन कुछ घरेलू और आयुर्वेदिक उपायों से इसे कंट्रोल में जरूर रखा जा सकता है। ऐसा ही एक असरदार उपाय है आक के पत्तों का इस्तेमाल। आक का पौधा आमतौर पर सड़क किनारे या खेतों के आसपास देखने को मिल जाता है। इसके पत्ते कई औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं और खासकर ब्लड शुगर को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। आयुर्वेद में भी इसका जिक्र मिलता है, जहां इसे डायबिटीज के प्राकृतिक इलाज का हिस्सा माना गया है।

लेकिन इसका उपयोग सावधानी और सही तरीके से करना बेहद जरूरी होता है। आगे जानिए कि आक के पत्ते डायबिटीज में कैसे फायदेमंद हो सकते हैं और इन्हें इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है।

क्या होता है आक का पौधा?

आक को हिंदी में मदार, अर्क या अकोवा  भी कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे Giant Calotrope और वैज्ञानिक नाम Calotropis Gigantea के नाम से जाना जाता है। ये पौधा देखने में आम है, लेकिन इसके गुण बेहद खास हैं। इसके पत्तों और फूलों में पाए जाते हैं एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और हीलिंग कंपाउंड्स, जो शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

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