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High fever: बुखार के दौरान ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क, दिमाग पर हो सकता है गहरा असर

High fever: तेज बुखार में बड़बड़ाना भले ही अजीब लगे, लेकिन ये शरीर की एक जैविक प्रतिक्रिया होती है। जब शरीर का तापमान सामान्य से काफी ऊपर चला जाता है, तो इसका सीधा असर दिमाग की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। इससे सोचने-समझने की क्षमता गड़बड़ा जाती है और व्यक्ति भ्रम की स्थिति में पहुंच सकता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 16, 2025 पर 4:16 PM
High fever: बुखार के दौरान ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क, दिमाग पर हो सकता है गहरा असर
High Fever: तेज वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के समय शरीर का तापमान 102°F से 104°F तक पहुंच जाता है।

जब किसी को तेज बुखार होता है, तो कई बार वह अजीब-अजीब हरकतें करने लगता है – जैसे खुद से बात करना, कुछ भी बड़बड़ाना या फिर आंखें खोलकर ऐसी बातें करना जो समझ ही नहीं आतीं। ये सब देखकर घरवाले घबरा जाते हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं क्योंकि इसके पीछे एक साइंटिफिक वजह होती है। दरअसल, जब शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो इसका असर सीधे दिमाग पर पड़ता है। दिमाग की काम करने वाली नसों पर दबाव बनता है और उनकी केमिस्ट्री बिगड़ जाती है।

नतीजा ये होता है कि इंसान असली और झूठ में फर्क नहीं कर पाता और भ्रम की स्थिति में पहुंच जाता है। इस हालत को मेडिकल भाषा में 'डिलीरियम' कहा जाता है। हालांकि यह स्थिति अस्थायी होती है, लेकिन समय पर ध्यान न दिया जाए तो परेशानी बढ़ सकती है

जब शरीर का तापमान दिमाग को कर दे परेशान

तेज वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन के समय शरीर का तापमान 102°F से 104°F तक पहुंच जाता है। ये बढ़ा हुआ तापमान सिर्फ शरीर को नहीं, दिमाग को भी प्रभावित करता है। दिमाग के न्यूरॉन्स, जो सोचने-समझने का काम करते हैं, वे गर्मी के कारण गड़बड़ा जाते हैं। इसी स्थिति को मेडिकल भाषा में "फीवर डिलीरियम" कहा जाता है।

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