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Health tips: बार-बार चक्कर आने को न करें नजरअंदाज, हो सकती है ये न्यूरोलॉजिकल दिक्कत

Health tips: सिर घूमना या बार-बार चक्कर आना अक्सर थकावट या कमजोरी मान लिया जाता है, लेकिन यह संकेत हो सकता है किसी गंभीर बीमारी का। अगर यह समस्या बार-बार हो रही है, तो इसे नज़रअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। वर्टिगो नामक बीमारी इसके पीछे की बड़ी वजह हो सकती है, जो संतुलन को प्रभावित करती है

Edited By: Anchal Jhaअपडेटेड Aug 02, 2025 पर 9:54 AM
Health tips: बार-बार चक्कर आने को न करें नजरअंदाज, हो सकती है ये न्यूरोलॉजिकल दिक्कत
Health tips: चक्कर आना स्ट्रोक, ब्रेन ट्यूमर या मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बड़ी बीमारियों का भी संकेत हो सकता है।

सिर घूमना या चक्कर आना एक आम समस्या लग सकती है, लेकिन जब ये बार-बार हो तो इसे नजरअंदाज करना ठीक नहीं। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में थकावट और स्ट्रेस आम है, मगर लगातार चक्कर आना वर्टिगो जैसी गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर सकता है। अगर बैठने या खड़े होने पर संतुलन बिगड़ता है, तो ये सिर्फ कमजोरी नहीं हो सकती। ये शरीर के अंदर चल रही किसी गंभीर गड़बड़ी का संकेत भी हो सकता है। कई बार ये समस्या अचानक आती है और फिर सामान्य हो जाती है, लेकिन बार-बार इसका दोहराव चिंता का विषय है।

ऐसे लक्षणों को हल्के में न लें, क्योंकि वर्टिगो एक न्यूरोलॉजिकल समस्या भी हो सकती है जो जीवन की गुणवत्ता पर सीधा असर डालती है। समय रहते सही जांच और इलाज बेहद जरूरी है ताकि इस स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके।

क्या होता है वर्टिगो?

वर्टिगो कोई साधारण चक्कर नहीं होता। ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि चारों तरफ की चीजें घूम रही हैं, जबकि वास्तव में सब कुछ स्थिर होता है। इस समस्या का सीधा संबंध कान के अंदर स्थित संतुलन प्रणाली से होता है। सबसे आम प्रकार का वर्टिगो है BPPV (Benign Paroxysmal Positional Vertigo)। इसमें कान के अंदर मौजूद छोटे-छोटे कैल्शियम कण अपनी जगह से हटकर कान की नलियों में चले जाते हैं, जिससे ब्रेन को भ्रमित करने वाले संकेत मिलते हैं।

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