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SEBI का नया प्रस्ताव: म्यूचुअल फंड्स की फीस घटेगी, देना पड़ेगा खर्च का पूरा ब्योरा; निवेशकों को होगा फायदा

SEBI ने म्यूचुअल फंड्स की फीस घटाने, ब्रोकरेज चार्जेज कम करने और खर्च का पूरा ब्योरा देने का प्रस्ताव रखा है। इससे निवेशकों को लंबी अवधि में अच्छी बचत और पारदर्शी निवेश माहौल का फायदा मिलेगा।

Edited By: Suneel Kumarअपडेटेड Oct 28, 2025 पर 11:11 PM
SEBI का नया प्रस्ताव: म्यूचुअल फंड्स की फीस घटेगी, देना पड़ेगा खर्च का पूरा ब्योरा; निवेशकों को होगा फायदा
म्यूचुअल फंड की फीस घटने से निवेशकों को सीधा फायदा होगा।

भारतीय बाजार नियामक SEBI ने म्यूचुअल फंड्स के खर्च घटाने और फीस स्ट्रक्चर को पारदर्शी बनाने के लिए बड़ा प्रस्ताव रखा है। मंगलवार को जारी कंसल्टेशन पेपर में कहा गया कि अब फंड हाउस को निवेशकों से वसूले जाने वाले चार्जेज का पूरा ब्योरा पहले ही देना होगा।

TER में कटौती का प्रस्ताव

SEBI ने टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) यानी कुल खर्च अनुपात में कटौती का सुझाव दिया है। ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स में 0.15% तक और क्लोज-एंड स्कीम्स में 0.25% तक कमी की बात कही गई है। नियामक ने साफ किया कि ब्रोकरेज, टैक्स और अन्य ट्रांजैक्शन कॉस्ट को इन फीस में शामिल नहीं किया जाएगा, बल्कि इन्हें अलग से बताया जाएगा।

यह कदम SEBI के 2023 फ्रेमवर्क से अलग है, जिसमें इन सभी चार्जेज को TER में शामिल करने की कोशिश की गई थी। उस वक्त यह प्रस्ताव एसेट मैनेजर्स के विरोध के चलते विवादों में आया था। ये एसेट मैनेजर्स फिलहाल करीब ₹75.61 ट्रिलियन (लगभग $860.23 बिलियन) की निवेशक संपत्ति संभालते हैं।

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