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'सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर नहीं गिरा सकते': बुलडोजर एक्शन पर SC सख्त, कहा- कार्यपालिका जज नहीं बन सकती

Bulldozer Justice Row: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिकारियों और सरकार का मनमाना रवैया ठीक नहीं है। कानून का राज होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि कार्यपालक अधिकारी जज नहीं बन सकते। वे आरोपी को दोषी घोषित नहीं कर सकते और उसका घर नहीं गिरा सकते

Akhileshअपडेटेड Nov 13, 2024 पर 11:36 AM
'सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर नहीं गिरा सकते': बुलडोजर एक्शन पर SC सख्त, कहा- कार्यपालिका जज नहीं बन सकती
Bulldozer Justice Row: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर नहीं गिरा सकते हैं

Bulldozer Justice Row: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (13 नवंबर) को बुलडोजर कार्रवाई पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कार्यपालिका न्यायपालिका की जगह नहीं ले सकती है। पीठ ने कहा कि वह यह तय नहीं कर सकती कि कौन दोषी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर लोगों के घर सिर्फ इसलिए गिरा दिए जाएं कि वे आरोपी या दोषी हैं तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा। घर ढहाए जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "कार्यपालक अधिकारी जज नहीं बन सकते, आरोपी को दोषी घोषित नहीं कर सकते और उसका घर नहीं गिरा सकते।" शीर्ष अदालत ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया को आरोपी के अपराध के बारे में पूर्वाग्रह से ग्रसित नहीं होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि न्याय करने का काम न्यायपालिका का है। कार्यपालिका न्यायपालिका की जगह नहीं ले सकती।

'सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर नहीं गिरा सकते'

जस्टिस बीआर गवई ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर नहीं गिरा सकते। शीर्ष अदालत आरोपी व्यक्ति के खिलाफ सुधारात्मक उपाय के रूप में "बुलडोजर" कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

सुनवाई के दौरान अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि कार्यपालिका न्यायनिर्णयन की भूमिका नहीं निभा सकती। पीठ ने कहा कि केवल आरोपों के आधार पर किसी नागरिक के घर को मनमाने ढंग से ध्वस्त करना संवैधानिक कानून के सिद्धांत का उल्लंघन है। अदालत ने कहा कि कार्यपालिका जज बनकर किसी आरोपी की संपत्ति को ध्वस्त करने का निर्णय नहीं ले सकती।

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