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चीन है बहुत बड़ा चालबाज! भारतीयों की कैलाश मानसरोवर यात्रा रोककर कर रहा है दो अहम समझौतों का उल्लंघन?

Mansarovar Yatra: बड़ा सवाल अब भी ये है कि क्या चीन भारत के साथ साइन किए गए समझौतों का साफ-साफ उल्लंघन करते हुए, माउंट कैलाश और मानसरोवर तक भारतीय श्रद्धालुओं को जाने से एकतरफा तरीके से रोक सकता? इसलिए भारत को पूरजोर तरीक से हस्तक्षेप करना चाहिए और आवाज उठानी चाहिए

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 18, 2024 पर 10:15 PM
चीन है बहुत बड़ा चालबाज! भारतीयों की कैलाश मानसरोवर यात्रा रोककर कर रहा है दो अहम समझौतों का उल्लंघन?
चीन है बहुत बड़ा चालबाज! भारतीयों की कैलाश मानसरोवर यात्रा रोककर कर रहा है दो अहम समझौतों का उल्लंघन?

साल 2020 के बाद से ये लगातार पांचवां साल है, जब पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा के दोनों आधिकारिक रूट भारतीयों के लिए बंद हैं। नेपाल से होकर गुजरा ये प्राइवेट रूट चीन की ओर से लाए गए सख्त नियमों को देखते हुए सभी कारणों से भारतीयों के लिए बंद है। पिछले साल चीन ने इसे खोला था। चीन में कैलाश पर्वत तक कैलाश मानसरोवर यात्रा के स्थगित होने के पीछे एक सीधा कारण Covid-19 महामारी है। ये भगवान शिव का पवित्र निवास स्थान है, जहां हिंदुओं की बहुत श्रद्धा है।

हालांकि, अगर थोड़ा और गहराई से इसे देखा जाए, तो पता चलता है कि 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा होने के बाद से ये चीन की एक और चाल है।

News18 को कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से RTI के जवाब मिले हैं, जिसमें 2013 और 2014 में चीन के साथ साइन किए गए दो समझौतों की कॉपी भी शामिल हैं।

इन दोनों ही समझौतों से ये साफ होता है कि चीन बिना किसी सूचना के एकतरफा समझौते को खत्म नहीं कर सकता है। वे कहते हैं, कोई भी बदलाव दोनों पक्षों की सर्वसम्मति से होना चाहिए।

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