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फ्लेवर्ड मिल्क बनाने वाली कंपनियों को 12% की बजाय देना होगा 5% GST, इन फर्मों को होगा फायदा

सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि फ्लेवर्ड मिल्क पर अब कम GST लगेगा। मद्रास हाई कोर्ट ने पार्ले एग्रो की याचिका पर फैसला सुनाते हुए जीएसटी घटाने का ऑर्डर दिया है। अब फ्लेवर्ड मिल्क पर 12% की बजाय 5% GST लगेगा। कोर्ट ने कहा कि GST काउंसिल से क्लासिफिकेशन में गलती हुई। एनिमल बेस्ड फ्लेवर्ड मिल्क पर 12% GST गलत है

Alok Priyadarshiअपडेटेड Nov 16, 2023 पर 6:07 PM
फ्लेवर्ड मिल्क बनाने वाली कंपनियों को 12% की बजाय देना होगा 5% GST, इन फर्मों को होगा फायदा
12 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के कोर्ट के फैसले से पार्ले एग्रो, अमूल, नेस्ले इंडिया और फ्लेवर्ड मिल्क बनाने वाली अन्य कंपनियों को फायदा होगा

फ्लेवर्ड मिल्क बनाने वाली कंपनियों के लिए आज खबर आई है। फ्लेवर्ड मिल्क बनाने वाली कंपनियों को GST के मोर्चे पर राहत मिली है। अब फ्लेवर्ड मिल्क पर कंपनियों को केवल 5% GST देना होगा। जबकि पहले कंपनियों को 12% GST का भुगतान करना पड़ता था। कंपनियों से लिये जाने वाले जीएसटी के मामले पर कोर्ट में केस चल रहा था। इसी मामले में आज मद्रास हाई कोर्ट ने फ्लेवर्ड मिल्क पर GST घटाने आदेश दिया है। फ्लेवर्ड मिल्क पर से जीएसटी घटाने के लिए पार्ले एग्रो मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है।

इस खबर पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि फ्लेवर्ड मिल्क पर अब कम GST लगेगा। आज पार्ले एग्रो की याचिका पर मद्रास हाई कोर्ट का फैसला आया है। इस फैसले में कोर्ट ने जीएसटी घटाने का ऑर्डर दिया है। इससे अब फ्लेवर्ड मिल्क पर 12% की बजाय 5% GST लगेगा।

क्या कहा कोर्ट ने

मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि GST काउंसिल से क्लासिफिकेशन में गलती हुई। एनिमल बेस्ड फ्लेवर्ड मिल्क पर 12% GST गलत है। कोर्ट का कहना है कि 12% कैटेगरी में नॉन एल्कोहॉलिक बेवरेजेज प्रोडक्ट आते हैं। जबकि फ्लेवर्ड मिल्क प्रोडक्ट इस कैटेगरी में नहीं आते हैं। लिहाजा मिल्क एंड क्रीम पर 5% ही GST चुकाना सही है।

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