दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) ने फर्जी मैसेज के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने 1 लाख से ज्यादा फ्रॉड SMS टेंपलेट्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। ऐसे SMS के जरिए नागरिकों को जालसाजी का शिकार बनाया जाता है। दूरसंचार विभाग ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। बता दें कि टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानि TRAI इस साल अक्टूबर में फर्जी मैसेज और अनसोलिसिटेड कम्युनिकेशन के नए नियम लेकर आया था।
पोस्ट में दूरसंचार विभाग ने एक फ्रॉड मैसेज का स्क्रीनशॉट भी अटैच किया है, ताकि लोगों को पता चल सके कि जालसाजी वाले मैसेज कैसे होते हैं। साथ ही यह भी कहा है कि अगर नागरिकों के पास कोई फ्रॉड मैसेज आता है तो ऐसे SMS की संचार साथी पोर्टल http://sancharsaathi.gov.in पर रिपोर्ट करें।
मोबाइल यूजर्स को चेतावनी दी जारी की
दूरसंचार विभाग ने अपनी पोस्ट के जरिए मोबाइल यूजर्स को एक चेतावनी भी जारी की है। कहा गया है कि कोई भी बैंक या सरकारी एजेंसी, नागरिकों से मैसेज के जरिए उनकी पर्सनल डिटेल्स नहीं मांगती है। बैंक भी अक्सर ग्राहकों के लिए ऐसी चेतावनी जारी करते रहते हैं, ताकि वे जालसाजी के शिकार न हो पाएं।
टेलिकॉम कंपनियों पर हाल ही में लगा है 12 करोड़ का जुर्माना
स्पैम कॉल रोकने में नाकाम रहीं टेलीकॉम कंपनियों पर हाल ही में 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना TRAI की ओर से BSNL, रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया के साथ-साथ कुछ छोटी कंपनियों पर भी लगाया गया। है। अगर पहले लगाए जा चुके जुर्माने की रकम को भी जोड़ लें तो अब तक टेलिकॉम कंपनियों पर 141 करोड़ रुपये का जुर्माना लग चुका है।
हालांकि टेलिकॉम कंपनियों का कहना है कि उन्होंने स्पैम कॉल्स रोकने की पूरी कोशिश की है और वे अकेले जिम्मेदार नहीं हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने मांग की है कि WhatsApp और OTT प्लेटफॉर्म्स के साथ बैंक, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस और टेलीमार्केटर आदि को भी स्पैम कॉल्स के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। अगर इन प्लेटफॉर्म्स को नियमों से बाहर रखा जाता है तो स्पैम और स्कैम कॉल को नहीं रोका जा सकता।