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जम्मू- कश्मीर की सियासत के इनसाइक्लोपीडिया थे देवेंद्र राणा!

जम्मू- कश्मीर में बीजेपी के कद्दावर नेता देवेंद्र सिंह राणा का बीती रात 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया। राणा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। एक समय उमर अब्दुल्ला के खास दोस्त और राजनीतिक सलाहकार रहे राणा इस बार सदन के अंदर विपक्ष का नेता बनने के रास्ते पर थे, जब उमर खुद सदन के नेता हैं। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। अपनी जबरदस्त सियासी पकड़, जनसंपर्क और सभी दलों के नेताओं के साथ बेहतरीन रिश्तों के लिए जाने जाते थे राणा।

Brajesh Kumar Singhअपडेटेड Nov 01, 2024 पर 6:40 PM
जम्मू- कश्मीर की सियासत के इनसाइक्लोपीडिया थे देवेंद्र राणा!
देवेंद्र सिंह राणा की शख्सियत सिर्फ शारीरिक तौर पर ही नहीं, सियासी तौर पर भी लंबी- चौड़ी थी

देवेंद्र सिंह राणा नहीं रहे। जम्मू की नगरोटा सीट से विधायक, जम्मू- कश्मीर में बीजेपी के प्रमुख नेताओं में से एक, केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह के अपने छोटे भाई और उमर अब्दुल्ला की पिछली सरकार के समय सीएम के राजनीतिक सलाहकार। लंबी- चौड़ी शख्सियत थी राणा की, न सिर्फ शारीरिक तौर पर, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी। बीजेपी के बड़े नेताओं से खास रिश्ते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, दोनों के विश्वासपात्र। कम समय में ही बीजेपी की प्रदेश ईकाई के अंदर अपनी स्वीकार्यता हासिल कराने में कामयाब रहे राणा को जम्मू- कश्मीर विधानसभा में विपक्ष के नये नेता के तौर पर भी देखा जा रहा था।

बीती रात दीपावली के मौके पर नाते- रिश्तेदारों, दोस्तों से मिलने के बाद फोन को हाथ लगाया, एक्स पर कुछ ट्वीट्स देखे, तो देवेंद्र सिंह राणा की मृत्यु की दुखद जानकारी मिली। देवेंद्र सिंह राणा से मेरे संबंध बहुत पुराने नहीं रहे हैं, लेकिन राणा का जाना अखर गया। व्यक्तित्व में कुछ तो चुंबकीय था।

जिंदगी में कुल जमा दो बार मैं देवेंद्र राणा से मिला था, कुल पांच बार ही फोन पर बातचीत भी। लेकिन इस दौरान राणा के बारे में मेरे मन में जो छवि बनी, वो उस राजनेता, इंसान की थी, जो न सिर्फ अपने काम में माहिर था, बल्कि मानवीय संबंधों को निभाने की कला में भी।

राणा कारोबार के रास्ते राजनीति में आए थे। बड़े भाई से पहले सक्रिय राजनीति में प्रवेश पा चुके थे राणा। बड़े भाई डॉक्टर जीतेंद्र सिंह लगातार तीसरी दफा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री बने हैं, उधमपुर से बीजेपी के सांसद हैं, वर्ष 2014 से लगातार। गुलाम नबी आजाद के सीएम रहते हुए अमरनाथ आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के कारण डॉक्टर जीतेंद्र सिंह चर्चा में आए थे। उससे पहले जम्मू- कश्मीर के मशहूर डॉक्टर, डायबेटोलोजिस्ट के तौर पर जाने जाते थे डॉक्टर जीतेंद्र सिंह। वो बड़े थे, देवेंद्र राणा सबसे छोटे।

देवेंद्र राणा से मेरी पहली बार बातचीत तीन साल पहले ही हुई थी, 27 अक्टूबर 2021 के दिन। उस दिन मैं श्रीनगर में था, जम्मू- कश्मीर के इतिहास में काफी महत्वपूर्ण दिन है 27 अक्टूबर का। 27 अक्टूबर 1947 के दिन ही पाकिस्तान समर्थित कबाइलियों के हमले से कश्मीर की जनता को राहत देने और जबरदस्ती कश्मीर को हड़पने के पाकिस्तान के मंसूबे को नाकाम करने के लिए भारतीय फौज श्रीनगर पहुंची थी पहली बार।

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