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Economic Survey 2025: क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे, देश के लिए इतना क्यों है जरूरी, पहली बार कब हुआ था पेश

Economic Survey 2025: वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में पेश करेंगी। बजट से एक दिन पहले सरकार इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) पेश करती है। आइए जानते हैं क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे और पहली बार इसको कब पेश किया गया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 31, 2025 पर 8:52 AM
Economic Survey 2025: क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे, देश के लिए इतना क्यों है जरूरी, पहली बार कब हुआ था पेश
economic survey: इकोनॉमिक सर्वे से पिछले वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमिक परफॉर्मेंस का आकलन किया जाता है

Economic Survey 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट संसद में पेश करेंगी। इसमें सरकार आने वाले साल की योजनाओं और उनके लिए किए जाने वाले खर्च का ब्यौरा देती है। लेकिन बजट से पहले 31 जनवरी को सरकार इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) भी पेश करती है। इस इकोनॉमिक सर्वे से पिछले वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमिक परफॉर्मेंस का आकलन किया जाता है।

इकोनॉमिक सर्वे सरकार के लिए एक परफॉर्मेंस सर्टिफिकेट जैसा होता है जो यह दिखाता है कि पिछले बजट के फैसलों का देश की इकोनॉमी पर क्या असर पड़ा। यह सिर्फ सरकार की नहीं बल्कि पूरे देश की इकोनॉमी की भी परफॉर्मेंस रिपोर्ट होती है। आइए जानते हैं क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे और बजट से पहले यह इतना जरूरी डाक्यूमेंट्स क्यों होता है।

कब पेश हुआ था पहला इकोनॉमिक सर्वे

बता दें कि साल 1950-51 में देश का पहला इकोनॉमिक सर्वे पेश किया गया था। साल 2014-15 से पहले इकोनॉमिक सर्वे एक वॉल्यूम में आता था। लेकिन उसके बाद से इसे दो वॉल्यूम में पेश किया जाने लगा। फर्स्ट वॉल्यूम में इकोनॉमी की चुनौतियों पर फोकस रहता है, जबकि दूसरे वॉल्यूम में देश की इकोनॉमी के सभी बड़े सेक्टर्स की समीक्षा होती है। इकोनॉमिक सर्वे हमेशा बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है, लेकिन 1964 तक यह बजट के साथ ही पेश किया जाता था।

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