भारत को वर्ल्ड ऑर्डर में एक मजबूत देश के तौर पर स्थापित करने का नरेंद्र मोदी का एजेंडा ‘मेक इन इंडिया’ से एक कदम और आगे बढ़ता दिख रहा है। दुनिया में आज की तारीख में ऐसे कम से कम 18 देश हैं, जिन्होंने भारतीय रुपया को भारत के साथ होने वाले व्यापार में लेन-देन का माध्यम स्वीकार कर लिया है। पहले ये देश भारत के साथ अमेरिकी डॉलर में आपसी व्यापार करते थे। तो साल भर में ऐसा क्या बदल गया? इस घटनाक्रम का मतलब क्या है और इसका भविष्य क्या है?