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लैपटॉप, पीसी और टैबलेट्स के लिए इंपोर्ट लिमिट को 5% तक घटा सकती है सरकार

लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार साल 2025 से लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के इंपोर्ट पर सख्ती के मूड में है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि सरकार इन डिवाइसों के लिए इंपोर्ट लिमिट 5 पर्सेंट तक कम कर सकती है। फिलहाल, सरकार ने 31 दिसंबर 2024 तक ऐसे आइटम के फ्री इंपोर्ट की मंजूरी दे रखी है। पहले यह तारीख 30 सितंबर तय की गई है, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दिया गया

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 12, 2024 पर 9:39 PM
लैपटॉप, पीसी और टैबलेट्स के लिए इंपोर्ट लिमिट को 5% तक घटा सकती है सरकार
इससे भारत में IT हार्डवेयर मार्केट के सिस्टम को फिर से गढ़ने में मदद मिल सकती है, जो बड़े पैमाने पर इंपोर्ट पर निर्भर है।

लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार साल 2025 से लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के इंपोर्ट पर सख्ती के मूड में है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि सरकार इन डिवाइसों के लिए इंपोर्ट लिमिट 5 पर्सेंट तक कम कर सकती है। फिलहाल, सरकार ने 31 दिसंबर 2024 तक ऐसे आइटम के फ्री इंपोर्ट की मंजूरी दे रखी है। पहले यह तारीख 30 सितंबर तय की गई है, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 दिसंबर 2024 कर दिया गया।

सूत्रों ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 के इंपोर्ट डेटा को 5 पर्सेंट तक की कटौती के लिए बेसलाइन माना जा सकता है और यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले वर्षों में इस सीमा को 5 पर्सेंट से ज्यादा भी बढ़ाया जा सकता है और इन बदलावों के आकलन के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के इंपोर्ट डेटा का इस्तेमाल किया जा सकता है।

हालांकि, इंडस्ट्री ने इस सिलसिले में सरकार से और स्पष्टीकरण मांगा है और नोटिफिकेशन जारी करने का अनुरोध किया है। अगर इस प्लान को लागू किया जाता है, तो यह इंडस्ट्री में बड़े पैमाने पर उथल-पुथल मचा सकता है और इससे भारत में IT हार्डवेयर मार्केट के सिस्टम को फिर से गढ़ने में मदद मिल सकती है, जो बड़े पैमाने पर इंपोर्ट पर निर्भर है।

ये तमाम चर्चाएं सरकार के साथ हुई बैठक में सामने आई हैं। सरकार ने नवंबर के शुरू में इंडस्ट्री के सदस्यों के साथ मिलकर यह बैठक की है। इस बैठक में IBM, डेल, लेनोवो के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जो ऐसी ही हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग इकाइयो और बड़ी टेक कंपनियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इंडस्ट्री के सदस्यों ने मनीकंट्रोल को बताया कि वे पिछले एक साल में इस तरह के परिणाम के लिए तैयारी कर रहे हैं और सरकार ने आश्वासन दिया है कि वे बदलाव की इस प्रक्रिया को झंझट-मुक्त रखना चाहते हैं, ताकि इंडस्ट्री को किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पडे़।

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