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SIR Row: बिहार के बाद अब तमिलनाडु में एसआईआर से संग्राम! सुप्रीम पहुंची DMK, चुनाव आयोग का आया जवाब

SIR In Tamil Nadu: चुनाव आयोग ने सोमवार (3 नवंबर) को मद्रास हाई कोर्ट में कहा कि तमिलनाडु में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर किसी आशंका की जरूरत नहीं है। सभी आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Nov 03, 2025 पर 9:46 PM
SIR Row: बिहार के बाद अब तमिलनाडु में एसआईआर से संग्राम! सुप्रीम पहुंची DMK, चुनाव आयोग का आया जवाब
SIR Row: दूसरे चरण में 12 राज्यों में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान चलाया जाएगा

SIR In Tamil Nadu: तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) ने सोमवार (3 नवंबर) को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर राज्य में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लागू करने को चुनौती दी है। DMK की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि पार्टी के संगठन सचिव और वरिष्ठ नेता आर एस भारती ने सांसद और वरिष्ठ वकील एनआर एलंगो के माध्यम से शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। चुनाव आयोग की ओर से दूसरे चरण में 12 राज्यों में वोटर लिस्ट का SIR अभियान चलाया जाएगा।

राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी ने एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की अध्यक्षता में हुई विभिन्न दलों की बैठक में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन के मुद्दे पर शीर्ष अदालत का रुख करने का निर्णय लिया था। स्टालिन ने X पर पोस्ट किया, "यह सभी पार्टियों का कर्तव्य है कि वे एकजुट होकर SIR के खिलाफ आवाज उठाएं। इसे तमिलनाडु के लोगों के वोटिंग अधिकार छीनने और लोकतंत्र की हत्या करने के इरादे से जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है।"

सीएम ने SIR पर चर्चा करने के लिए बैठक में भाग लेने वाली सभी पार्टियों को धन्यवाद भी दिया। वहीं, जो लोग इसमें शामिल नहीं हुए उनसे अपनी-अपनी पार्टियों में इस कदम पर चर्चा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "मैं सर्वदलीय बैठक में भाग लेने वाली 49 पार्टियों के नेताओं को धन्यवाद देता हूं और अपनी भावनाएं व्यक्त करता हूं। मैं उन लोगों से अनुरोध करता हूं जो इस बैठक में शामिल नहीं हुए, वे अपनी पार्टियों में SIR पर चर्चा करें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए पहल करें।"

इस बीच, चुनाव आयोग ने सोमवार को मद्रास हाई कोर्ट में कहा कि एसआईआर प्रक्रिया को लेकर किसी आशंका की जरूरत नहीं है। सभी आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। आयोग की ओर से पेश वकील निरंजन राजगोपाल ने चीफ जस्टिस एम. एम. श्रीवास्तव और जस्टिस जी. अरुल मुरुगन की पीठ के समक्ष यह दलील दी।

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